राजस्थान के सबसे बड़े हॉस्पिटल सवाई मानसिंह परिसर में मंगलवार को बहुमंजिला आईपीडी टॉवर ह्रदय रोग संस्थान का शिलान्यास हुआ। करीब छह सौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस आईपीडी टॉवर में ह्रदय रोग समेत अन्य गंभीर रोगों का ईलाज एक ही स्थान पर हो सकेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज इसकी आधारशिला रखी। अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से युक्त इस आईपीडी टॉवर के शिलान्यास के साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में राजस्थान में नई शुरूआत हुई है। सरकार का मकसद है कि प्रदेश के हर गांव-ढ़ाणी तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जाएं। सरकार जल्द ही राइट टू हैल्थ कानून लाकर सभी को स्वास्थ्य का अधिकार प्रदान करेगी। आईपीडी टॉवर के साथ राज्य में एक नए युग की शुरूआत हुई है। प्रदेश में विश्व स्तरीय मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होने से मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनेगा। 116 मीटर ऊंचे इस टॉवर पर हैलीपेड भी होगा। एक साथ 1200 बैड की सुविधा बढ़ेगी। देश का यह पहला टॉवर होने का दावा किया जा रहा है, जहां अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। समस्त सुविधाएं एक बिल्डिंग में उपलब्ध हो सकेंगी। वहीं आईपीडी टॉवर के माध्यम से प्रदेशवासियों को वल्र्ड क्लास हैल्थ केयर सुविधाएं मिल सकेंगी। इससे एसएमएस अस्पताल की नई एवं अत्याधुनिक छवि निखरकर आएगी। हॉस्पीटल मेडिकल सेक्टर में नवाचारों, टेली मेडिसिन, अनुसंधान, नसिंज़्ग एजुकेशन की कर्मभूमि के रूप में विकसित होगा। कोरोना महामारी के बाद राज्य सरकार द्वारा यह अभूतपूर्व पहल की है। आईपीडी टावर तथा हदय रोग संस्थान का शिलान्यास इसी दिशा में महत्वाकांक्षी प्रयास हैं। सरकार के ये प्रयास सराहनीय है। सरकार देश में चिकित्सा क्षेत्र में सबसे ऊंची बिल्डिंग तो बना रही है और वहां अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर भी होंगे। सरकार को देखना होगा कि आईपीडी टॉवर बनने के बाद प्रदेश भर के साथ आस-पास के राज्यों के मरीजों का रुझान यहां ज्यादा बढ़ जाएगा। ऐसे में सरकार को पहले से ही मरीजों की दुगुनी संख्या के हिसाब से सारी चिकित्सीय तैयारियां रखनी होगी। यह नहीं होना चाहिए कि बहुमंजिला ईमारत तो बन गई और सभी चिकित्सा विभाग भी खुल गए, लेकिन उस हिसाब से चिकित्सक समेत अन्य स्टाफ की कमी ना हो और ना ही जांच, ऑपरेशन, मेडिकल संबंधी सेवाओं की कमी दिखी। हाल ही सरकार ने एक अप्रेल से ओपीडी एवं आईपीडी सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा कर दी। महंगी जांचें भी फ्री होने के कारण मरीजों का दबाव सवाई मानसिंह अस्पताल में बढ़ गया। व्यवस्था के लिए पुलिस लगानी पड़ी। सरकार ने नि:शुल्क जांचों की तो घोषणा कर दी, लेकिन यह अनुमान लगाने में अधिकारी विफल रहे कि नि:शुल्क जांच की घोषणा होते ही मरीजों की संख्या दुगुनी तिगुनी हो जाएगी। उस हिसाब से अस्पताल में मशीनें नहीं बढ़ाई गई और न ही मेडिकल स्टॉफ रखा गया। इससे मरीजों को परेशानी ही हो रही है, साथ ही सरकार की इस जनहितकारी योजना की लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। सरकार को चाहिए कि कोई भी योजना प्रारंभ करें तो उसके आगे-पीछे की गणना करते हुए व्यवस्था भी पूर्ण रखे। तभी योजनाओं का लाभ जनता को मिल सकेगा। कुशल चिकित्सकों के साथ प्रशिक्षित नर्सिंग कर्मियों की भी नियुक्ति करनी होगी। तभी मेडिकल संबंधी योजनाएं जनता के हित में लाभदायक बनती है।

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