Ashok Gehlot

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश भर में विलायती बबूल (जूली फ्लोरा) के अवांछित पेड़ों के उन्मूलन के लिए समयबद्ध योजना बनाकर अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से क्षेत्रों में ग्रामीण इस पेड़ से परेशान हैं। इसलिए इन पेड़ों को उखाड़ने के लिए वन विभाग को विशेष प्रयास करने चाहिए।

गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने वन विभाग को जूली फ्लोरा के उन्मूलन के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर वन क्षेत्र और वन क्षेत्र के बाहर इस प्रजाति के पेड़ों का सर्वेक्षण करने और इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गांव स्तर तक तीन साल की चरणबद्ध योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने के लिए आम लोगों और संस्थाओं को उन्नत प्रजाति के पौधे उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग को नर्सरी विकसित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गाें तथा अन्य बड़ी सड़कों के दोनों ओर वृक्षारोपण करने और पौधों की सार-संभाल में विभाग को योजनाबद्ध रूप से भूमिका निभाने का सुझाव दिया।
गहलोत ने कहा कि प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए बड़ा अभियान चलाने की आवश्यकता है, जिसमें सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ आम जन का भी जुड़ाव हो। उन्होंने वन क्षेत्रों में पेड़ों की अवैध कटाई रोकने के लिए अधिकारियों को सख्ती बरतने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने वानिकी से होने वाली राजस्व प्राप्ति में छीजत को रोककर इसे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन विभाग आदिवासी इलाकों और गहन वन क्षेत्रों में ऎसे पौधे लगाएं और लगवाएं, जिससे वन उत्पादों को बाजार में पहुंचाकर स्थानीय लोग अपनी आमदनी बढ़ा सकें और राज्य सरकार को होने वाली राजस्व प्राप्ति में भी वृद्धि हो सके।
वन राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने राजस्थान में वन संरक्षण के लिए आवश्यक सभी कदम उठाने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में वन क्षेत्र और हरियाली बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वन विभाग के अधिकारियों ने प्रदेश में वनीकरण एवं जैव विविधता संरक्षण के लिए जापान अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जायका), कोरियन एक्सिम बैंक और नाबार्ड से सहयोग के लिए प्रस्तावित तीन नई परियोजनाओं के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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