जोधपुर । आनंदपाल एनकाउंटर के बाद पुलिस ने उसके गिरोह पर शिकंजा तो कस दिया मगर लगता है कि आनंदपाल का गिरोह एसओजी की परवाह किए बगैर अपनी आगे की प्लानिंग में लगा है। इसी का उदाहरण है कि जोधपुर जेल में बंद लॉरेंस विश्नोई ने अब आनंदपाल गैंग की बागडोर संभालने की तैयारी कर ली है। इसलिए उसने सुभाष मूंड के कहने पर सीकर के पूर्व सरपंच सरदार राव की हत्या अपने शूटर को भेज ककर करवाई। इस बात का खुलासा वह एसओजी की पूछताछ में भी कर चुका है कि उसी ने सरदार राव की हत्या करवाई है। सूभाष ने राव का फोटो मोबाइल पर दिखाया था, वह उसने अपने शूटर के पास भिजवाया और रैकी करने के बाद उस पर गोलियां दाग दी। इस केस में सुभाष भी रिमांड पर चल रहा है। पूछताश में लॉरेंस ने राव से दुश्मनी से इनकार किया है।
यह हत्या उसने सूभाष मूंड के कहने पर की थी। आनंदपाल की गैंग से हाथ मिलाने का कारण उसने यह बताया कि आनंदपाल और मेरा दुश्मन एक ही राजू ठेहट। लॉरेंस ने पुछताछ में खुलासा किया कि उसके दो गुर्गे सचिन और आरजू बीकानेर जेल में थे, तब ठेहट के गुर्गों ने उन्हें पीटा था। यह वही जेल है जहां आनंदपाल पर भी जानलेवा हमला हुआ था जिसमें बलबीर बानूडा की मौत हो गई थी। उसके बाद लॉरेंस के गुर्गों को जोधपुर जेल में शिफ्ट हो गए और फायरिंग केस में लॉरेंस भी जोधपुर आ गया। यहां से उसे अजमेर जेल शिफ्ट किया तो राजू ठेहट के दोनों दुश्मन एक हो गए। अब दोनों गैंग राजू ठेहट को ठिकाने लगाना चाहते हैं। वहीं आनंदपाल की गैंग के अधिकतर गुर्गे पकड़ जा चुके हैं तो वह भी चाहते हैं की राजू ठेहट को ठिकाने लगाकर आनंदपाल गैंग को फिर से पुर्नस्थापित किया जाए।