जयपुर। लोक लुभावन घोषणा कर बाद में अनुचित राशि की मांग करने को उपभोक्ता कोर्ट जयपुर द्बितीय ने अनुचित व्यापार प्रथा बताते हुए भारत संचार निगम लिमिटेड जरिए कामर्शियल अधिकारी, बजाज नगर, जयपुर पर 1० हजार रुपए का हजार्ना लगाया है। परिवादिया सुनिता पुरोहित पत्नी मधुसुदन निवासी पटेल मार्ग-मानसरोवर की ओर से 14 सितम्बर, 2०12 को पेश किये गये परिवाद में कहा कि विपक्षी कंपनी से 6 माह का अग्रिम किराया देकर 26 दिसम्बर, 2०11 को डेटा कार्ड लिया था, जो स्कीम के तहत फ्री था। इसकी राशि 4,964 रुपए जमा करवाई गई। 14 फरवरी, 2०12 को अचानक डेटा कार्ड बंद कर दिया।
शिकायत पर पुन: चालू किया गया। लेकिन 8-1० दिन बाद ही पुन: बंद कर दिया। जबकि बीएसएनएल के पास 6 माह का पूरा किराया जमा था। उसने केवल 3 माह ही उपरोक्त सेवायें ली। मंच से भारी हजार्ना दिलवाने की प्रार्थना की। विपक्षी कंपनी ने विरोध करते हुए कहा कि परिवादिया ने डेटा कार्ड का एक्टिवेशन चार्ज एवं सर्विस टैक्स जमा नहीं करवाया। जिससे सेवायें बंद की थी। मंच ने सेवायें देने के 3 माह बाद एक्टिवेशन चार्ज मांगने को बीएसएनएल का सेवा दोष बताते हुए जमाशुदा राशि का आधा 25०० रुपए, क्षतिपूर्ति में 5००० रुपए एवं परिवाद खर्च के 25०० रुपए परिवादिया को देने के आदेश दिए। परिवादिया की ओर से एडवोकेट संजय वार्ष्णेय ने पैरवी की।