नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ चीन को दोस्ती अब भारी पड़ने लगी है। पाकिस्तानी अखबार डॉन में छपी खबर के मुताबिक चीन के निवेशकों को पाकिस्तान में अपने निवेश पर 25 फीसदी से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले एक साल में इनका निवेश 2.3 करोड़ डॉलर यानी 154 करोड़ रुपये (पाकिस्तानी रुपये में 280 करोड़ रुपये) कम हो गए हैं। पिछले 4 महीने के दौरान पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में तेज गिरावट देखने को मिल रही है। इस दौरान प्रमुख इंडेक्स 20 फीसदी टूट चुका है। 4 महीने में पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट में निवेशकों के करीब 1 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये डूब गए हैं। डॉन के मुताबिक छोटे इन्वेस्टर्स को हुआ नुकसान ज्यादा बड़ा है।
चाइना फाइनेंशियल फ्यूचर्स, शंघाई स्टॉक एक्सचेंज और शैनजेन स्टॉक एक्सचेंज ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में 28 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 30 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। यह पूरी डील 8.5 करोड़ डॉलर में हुई थी। गिरावट के साथ स्टॉक की कीमत अब 20.24 प्रति शेयर के स्तर पर आ गई है। डॉन के मुताबिक तीनों इन्वेस्टर को अब तक 28 फीसदी यानी 2.3 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है। पाकिस्तानी ट्रेडर्स को आशंका है कि चीनी निवेशक अपने निवेश को लेकर ऐसे फैसले ले रहे हैं जो घरेलू कंपनियों के हक में नहीं है।
पाकिस्तान स्टॉक मार्केट की प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारी पद पर एक विदेशी के प्रस्ताव का विरोध पाकिस्तानी ट्रेडर्स कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इसकी वजह स्टॉक एक्सचेंज में चीनी इन्वेस्टर्स के पास बड़ी हिस्सेदारी होना है। फिलहाल चीन के इन्वेस्टर्स के पास स्टॉक एक्सचेंज की 40 फीसदी हिस्सेदारी है। ब्रोकर्स के मुताबिक विदेशी नागरिक पाकिस्तान और स्टॉक मार्केट के कल्चर को नहीं पहचानता होगा, इससे मुश्किलें हो सकती हैं। पाकिस्तान के शेयर बाजार में लिस्टेड कुल 561 कंपनियों की मार्केट कैप 8.88 लाख करोड़ पाकिस्तान रुपये है। वहीं, भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो इसकी वैल्यूएशन रिलायंस इंडस्ट्रीज की मार्केट कैप से भी कम है।