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जयपुर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि किसानों को फसल बीमा योजना का पैसा समय पर मिल सके, यह सुनिश्चित किया जाए। साथ ही इसके लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी किसानों तक पहुंचाई जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का ग्राम पंचायत स्तर तक व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ने के निर्देश भी दिए। राजे बुधवार को राजविकास की छठी बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रमुख शासन सचिवों, सचिवों एवं जिला कलक्टरों को सम्बोधित कर रही थीं। बैठक में प्रमुख सचिव, कृषि नीलकमल दरबारी ने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए तहसील स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन, वेब पोर्टल का निर्माण तथा समन्वय के लिए बैंक व बीमा कम्पनियों के अधिकारियों के साथ समय-समय पर बैठकों का आयोजन भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की एक अलग पहचान कायम हुई है। उन्होंने जिला कलक्टरों निर्देश दिए कि जल संरक्षण के क्षेत्र में राजस्थान ने जो गति हासिल की है उसे बनाए रखें और एमजेएसए के तीसरे चरण के तय लक्ष्यों को समय पर पूरा करें। राजे ने कहा कि प्रदेश की मण्डरायल और गागरीन पेयजल परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देकर इनके कामों में तेजी लाई जाए, ताकि लोगों को समय पर पानी मिल सके। उन्होंने प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी रजत मिश्र को निर्देश दिए कि नागौर लिफ्ट कैनाल पेयजल परियोजना और चम्बल-भीलवाड़ा जलप्रदाय परियोजना जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के शेष कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए इंजीनियरों को विशेष जिम्मेदारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएचईडी एवं जल संसाधन विभाग की विभिन्न बजट घोषणाओं के अधूरे कार्यों को पूरा करने और उनको धरातल पर लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने बांसवाड़ा जिले की अम्बापुरा लिफ्ट सिंचाई परियोजना एवं सिरोही जिले की बत्तीसा नाला सिंचाई परियोजना की प्रगति की भी समीक्षा की।

आदमी को फाइल नहीं समझें अधिकारी
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रतापगढ़ जिले के चिकलाद निवासी मांगीलाल मीना के भूमि पट्टा आवेदन सम्बन्धी परिवाद को करीब 8 माह तक अधिकारियों द्वारा एक टेबल से दूसरे टेबल पर भेजने को गम्भीरता से लिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आदमी कोई फाइल नहीं है, जो एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर तक चक्कर काटता रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि कोई कार्य नियमानुसार होना संभव नहीं है तो परिवादी को इसकी जानकारी शुरूआत में ही दे दी जाए ताकि उसे अनावश्यक चक्कर नहीं काटने पडे़ं। राजे ने एक निजी स्कूल द्वारा आरटीई का उल्लघंन कर फीस वसूलने संबंधी उदयपुर जिले के फतेहनगर निवासी कुन्दन सिंह की शिकायत को लम्बी अवधि तक लम्बित रखने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने उदयपुर कलक्टर को निर्देश दिए कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया जाए और भविष्य में इस बात का ध्यान रखा जाए कि किसी भी परिवेदना का निस्तारण समय सीमा में हो। उन्होंने स्कूल शिक्षा सचिव नरेश पाल गंगवार को निर्देश दिए कि स्कूलों से सम्बन्धित शिकायतों के उचित निस्तारण के लिए शिक्षा विभाग एक मैकेनिज्म तैयार करे ताकि शिकायतकर्ता को समय पर राहत मिल सके।

छात्रावासों के निर्माण कार्य में लाएं तेजी
मुख्यमंत्री ने केकड़ी, झुंझुनूं, कुचामन एवं कोटा सहित विभिन्न स्थानों पर लम्बित आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास निर्माण के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देवनारायण योजना एवं मेवात योजना के तहत बनने वाले आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों के कार्य जितना जल्दी हो सके पूरे किए जाएं ताकि अगले सत्र से इसका फायदा छात्रों को मिल सके। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में छात्रावासों के लिए भूमि का आवंटन नहीं हो पाया है वहां कलक्टर विशेष ध्यान देकर आवंटन की प्रक्रिया पूरी करवाएं।
ग्राम के एमओयू की प्रगति की समीक्षा की
राजे ने जयपुर तथा कोटा में आयोजित ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) के दौरान हुए विभिन्न एमओयू की प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने प्रमुख शासन सचिव कृषि से कहा कि ग्राम के एमओयू धरातल पर लाने के लिए जिला कलक्टरों से निरन्तर समन्वय और संवाद बनाकर पानी और भूमि आवंटन सम्बन्धी मुद्दे हल किए जाएं।
प्रतिमाह होगी जिलों की रैंकिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की क्रियान्विति के आधार पर प्रतिमाह जिलों की रैंकिंग का निर्धारण किया जाएगा। उन्होंने सभी कलक्टरों को निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओं का लाभ समय पर लाभार्थियों को मिले इस पर विशेष ध्यान दें। वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य सचिव अशोक जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डीबी गुप्ता, प्रमुख सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी अखिल अरोरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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