जयपुर शहर के गाँधी सर्कल पर आधार के खिलाफ प्रदर्शन में आधार नहीं अधिकार दो, आधार नहीं अनाज चाहिए, आधार धोखा है, आधार की अनिवार्यता बंद करो जैसे नारे लगे. सरकार द्वारा आधार को व्यक्ति के जीवन में हर जगह पर अनिवार्य बना दिए जाने की बजह से गरीबों और वंचितों का जीवन बहुत ही दूभर हो गया है. विभिन्न संगठनों के साथियों ने गाँधी सर्कल पर जोरदार प्रदर्शन किया और हमारे साथ पारदर्शिता के नाम पर जो धोखा किया जा रहा है उसे उजागर किया। ।गाँधी सर्कल पर प्रदर्शन में आये लोगों को संबोधित करते हुए मजदूर संगठनों के साथी हरिकेश बुगालिया ने कहा कि गुजरात की धरती से एक गाँधी जी उठे जिन्होंने विदेशियों से देश को आजाद कराया और उसी धरती से उठे हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेशी और कॉपोर्रेटस को देश को बेच दिया हैचाहे वह भारत में विदेशी निवेश की बात हो या आधार कार्ड को अनिवार्य करके लोगों की निजी सूचनाओं को कॉपोर्रेट को देकर. प्रदर्शन में सामिल सभी लोगों ने आधार कार्ड को देश और हमारे देश के नागरिकों के लिए खतरा बताया क्योंकि आज यदि किस व्यक्ति का आधार कार्ड डिलीट हो जाये या उसका कार्ड काम नहीं करे तो वह मध्यान्ह भोजन से लेकर किसी भी छात्रवृत्ति एवं किसी भी सरकारी पद के लिए आवेदन तक नहीं कर सकते हैं. प्रदर्शन से पहले आधार (आधारकार्ड की अनिवार्यता) की राजनीति और उसके पीछे सरकार की मंशा को विनोबा ज्ञान मंदिर में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें विभिन्न सामाजिक और छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों और देश के विभिन्न विश्विद्यालयों के छात्रों ने हिस्सा लिया. बैठक में शुरूआत में सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान से जुड़े मुकेश निर्वासित ने आधार की राजनीती और उससे गरीबों और वंचितों को होने वाली परेशानियों के साथ-2 आधार के बारे में युवाओं के बीच जो झूंठ फैलाया जा रहा है कि आधार बजह से देश में काला धन बाहर आ जायेगा और इस देश के अमीरों और पूंजीपतियों के साथ साथ भ्रष्टाचारियों को पकड़ा जा सकेगा पर तथ्यात्मक बातें रखी गईं. उच्च और उच्चतम न्यायालय के बरिष्ठ वकील और मानवाधिकार संगठन पीयूंसीएल से जुड़े प्रेमकृष्ण शर्मा ने कहा कि ये संविधान में दी गई स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है इसका हमें हर हालत में विरोध करना चाहिए. उन्होंने अपना स्वयं का उदहारण देते हुए बताया कि आज से 6 वर्ष पहले मेरा आधार कार्ड तो बन गया लेकिन अब मुझे मेरा पासपोर्ट का नवीनीकरण कराना तो आधार मेरे अंगूठे और अँगुलियों के निशान रीड ही नहीं कर रहा है इसलिए मुझे इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय में जाना पड़ा है.
सेवानिवृत्त डॉक्टर मालती गुप्ता ने कहा कि अब तो हमारे देश में महिलाओं को बच्चे पैदा करने के लिए पहले आधार बनवाना होगा नहीं तो सरकारी चिकित्सालय में उनका प्रसव नहीं कराया जायेगा तथा इसी प्रकार बेघरों के साथ काम करने वाले समूह ने कहा कि किसी भी बेघर को रेन बसेरे में रात बिताने के लिए लोगों से आधार कार्ड माँगा जा रहा है नूर जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है उनको रेन बसेरे में रुकने नहीं दिया जा रहा है. विभिन्न विश्विद्यालयों के कानून पढने वाले विद्यार्थी जयपुर शहर की विभिन्न बस्तियों व रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर जाकर लोगों से आधार कार्ड की परेशानियों के बारे में जाना और उन सभी ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि आधार कार्ड की बजह से सब लोगों को परेशानियाँ ही हो रही हैं. कई लोगों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव बताये कि किस प्रकार आजकल उनके पास बैंक का अधिकारी बनकर फोन आ रहा है और आधार और बैंक की सूचना मांगी गई. आधार कार्ड के डाटा को लेकर बात हुई जिसमें लोगों ने कहा कि जबसे इसके बारे में मीडिया में विस्तृत रिपोर्ट आई है कि इसका डाटा तो केवल 500 रुपये में मिल रहा है जिससे आप किसी का भी डाटा चुरा सकते हो. लोगों का यह तक कहना था कि कुछ प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुँचाने के लिए यह योजना चालू की गई है क्योंकि अभी तक आधार की बजह से ना तो भ्रष्टाचार में कोई कमी आई है इसके लिए राजस्थान में राशन वितरण में जो ढङ्मर(पॉइंट आॅफ सेल) मशीने लगाई गईं हैं उसके बाद भी राशन वितरण में भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आई है बल्कि एक गरीब और वंचित व्यक्ति को अब राशन डीलर यह कह देता है कि आपका तो अंगूठा काम नहीं कर रहा है और उसका पूरा राशन मशीन से निकल लेता है इसी प्रकार आधा राशन देकर कहता है बस इतना ही राशन आपका मशीन में आ रहा है. इसलिये राजस्थान के राशन वितरण और सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स को जो इउ (बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट) अंगूठा लगवाकर एक तरह से लोगों को लूट ही रहे हैं.