नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा फोन टैप किये जाने संबंधी भाजपा नेता मुकुल रॉय के आरोपों पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केन्द्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि दोनों इस संबंध में सील बंद लिफाफे में अपना जवाब सौंपे। न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने केन्द्र, राज्य सरकार और रॉय की टेलीफोन सेवा प्रदाता कंपनियों….. एमटीएनएल और वोडाफोन से कहा है कि वे हफलनामा दायर कर बतायें कि क्या एजेंसियों द्वारा मुकुल रॉय के फोन की निगरानी की जा रही है या फिर उनके फोन कॉल को पकड़ा जा रहा है।
अदालत ने कहा, यदि ऐसा किया जा रहा है तो एक सील बंद लिफाफे में इसका कारण भी बताया जाए। अदालत ने उनसे कहा कि वे दो सप्ताह के भीतर अपने हलफनामे दायर करें। मामले की अगली सुनवाई सात दिसंबर को होनी तय हुई है। आज सुनवाई के दौरान केन्द्र और पश्चिम बंगाल की ओर से पेश हुए वकीलों ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यदि कोई सुनवाई होनी भी है तो यह पश्चिम बंगाल की अदालत में होनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में रहने के दौरान उन्होंने पाया कि स्थानीय पुलिस हमेशा उनकीगतिविधियों पर नजर रखती रही है। रॉय हाल ही में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।