जयपुर। इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा जयपुर में आयोजित होने वाले 15वें वार्षिक ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस 2017ह्य की तैयारियां पूरे जोर पर है। जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में 4 अक्टूबर से 7 अक्टूबर को होने वाले इस आयोजन में निर्माण उद्योग के़ सभी स्टेकहोल्डर्स को ग्रीन बिल्डिंग्स और सस्टेनेबल बिल्ट एनवायरमेंट के क्षेत्र में हुए विकास को जानने, सीखने और उनका लाभ उठाने का अवसर मिलेगा। यह जानकारी आईजीबीसी जयपुर चैप्टर के चेयरमैन, जैमनी ओबेरॉय ने आज जयपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी। ओबेरॉय ने आगे बताया कि आईजीबीसी ने सर्वाधिक रजिस्टर्ड ग्रीन बिल्डिंग फुटप्रिंट के साथ भारत को विश्व में दूसरे स्थान पर लाने में सहयोग किया है।
आईजीबीसी की आकांक्षा है कि वर्ष 2022 में जब भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे हों तो देश में कुल ग्रीन बिल्डिंग फुटप्रिंट दस बिलियन वर्ग फुट हो जाएं। ओबेरॉय ने आगे कहा कि वर्तमान समय की मांग है कि ग्रीन बिल्डिंग्स से मिलने वाले अनेक लाभ के बारे में सम्बन्धित स्टेकहोल्डर्स को विस्तार से बताया जाए और ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस 2017 में यही उद्देष्य प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में आईजीबीसी हरित और स्वस्थ्य भारत के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ओबेरॉय ने जोर देते हुए कहा कि ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस 2017 का विषेष महत्व है। इस वर्ष आईजीबीसी द्वारा वर्ल्ड जीबीसी की बोर्ड मीटिंग और एनुअल मेम्बर्स मीट की मेजबानी भी की जा रही है। 25 से 30 ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल्स के सीईओ और उद्योग विषेषज्ञ इस बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि आईजीबीसी वर्ल्ड जीबीसी के शुरूआती संस्थापक सदस्यों में से एक है। आईजीबीसी पॉलिसी और एडवोकेसी कमेटी के चेयर, वी. सुरेश ने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार का अभूतपूर्व सहयोग देश में ग्रीन बिल्डिंग मूवमेंट को और आगे बढ़ाएगा। उन्होंने बताया कि आईजीबीसी द्वारा जिन प्रोजेक्ट्स को गोल्ड अथवा उससे अधिक रेटिंग दी है, उन्हें जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 5 प्रतिषत का अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) का आॅफर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय ग्रीन बिल्डिंग मूवमेंट के लिए बेहद सकारात्मक साबित होगा।
आईजीबीसी जयपुर चैप्टर के को-चेयरमैन, आनंद मिश्रा ने कहा कि देश में ग्रीन बिल्डिंग्स और बिल्ट एनवायरमेंट को तेजी से अपनाने और आगे बढाने में राजस्थान और विशेष रूप से जयपुर की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। मिश्रा ने आगे कहा कि जहां हम रहते है, काम करते है, पढ़ते हैं या खेलते है, वह सभी जगह ग्रीन मानकों के अनुरूप होनी चाहिए।
आईजीबीसी के बारे में
इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कांउसिल (आईजीबीसी) की स्थापना वर्ष 2001 में कॉन्फेडरशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्रंी (सीआईआई) की एक भाग के रूप में की गई थी। आईजीबीसी का विजन – वर्ष 2025 तक सभी के लिए सस्टेनेबल बिल्ट एनवॉयरमेंट तैयार करना और भारत को सस्टेनेबल बिल्ट एनवॉयरमेंट के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनाना है। इसके लिए काउंसिल द्वारा अनेक तरह की सेवाएं प्रदान की जाती है जिनमें नई ग्रीन बिल्डिंग्स के लिए रेटिंग कार्यक्रम, प्रमाणीकरण सेवाएं और ग्रीन बिल्डिंग ट्रेंनिंग कार्यक्रम, आदि का विकास शामिल है। काउंसिल द्वारा प्रतिवर्ष ग्रीन बिल्डिंग्स पर अपना फ्लेगषिप कार्यक्रम ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस का आयोजन किया जाता है। आईजीबीसी के संचालन का आधार इसकी कमेटी, सदस्य और सर्व सम्मति से निर्णय लेना है। काउंसिल की गतिविधियों में निर्माण उद्योग से जुडे़ सभी स्टेकहोल्डर्स जैसे आकीर्टेक्ट्स, डवलपर्स, प्रोडक्ट, निमार्ता, कॉरपोरेट, सरकार, एकेडमिया और नोडल एजेंसियां स्थानीय चैप्टर्स के माध्यम से भाग लेते हैं। काउंसिल अनेक राज्य सरकारों, केन्द्र सरकार, वर्ल्ड ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ मिल कर देश में ग्रीन बिल्डिंग्स की अवधारणा को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करती है।