नई दिल्ली। एक बार फिर देश में हाईप्रोफाईल लोगों की जान सांसत में आ गई है और ऐसा होने का कारण है कि पैराडाइज पेपर लीक के कारण गौरतलब है कि इससे पहले भी पनामा पेपर लीक प्रकरण में देश की कई बड़ी नामी हस्तियों और राजनेताओं की जान सांसत में आ गई थी। अब इस नए खुलासे के बाद ये नामी हस्तियां बगले ाांक रही है और अपनी-अपनी सफाई पेश कर रही है। इसमें बड़े दलों के नेताओं के नाम भी शामिल है जिससे दोनों ही इस पर बयानबाजी करने से बच रहे हैं। पनामा पेपर की तर्ज पर लीक हुए पैराडाइज पेपर में मोदी सरकार के मंत्री, बीजेपी और गैर बीजेपी दलों के सांसदों, बॉलीवुड हस्तियों समेत कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, बिहार से बीजेपी के सांसद आर के सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद वीरप्पा मोईली, पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम, बॉलीवुड स्टार और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त के भी नाम इस दस्तावेज में हैं। इस डेटा में कुल 180 देशों के नाम हैं।
इनमें से भारत का स्थान 19वां है। यहां के कुल 714 लोगों का नाम इस डेटा लिस्ट में है। अमेरिका स्थित इंटरनेशनल कंसोर्शियम आॅफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) द्वारा जारी किए गए पैराडाइज दस्तावेज से यह खुलासा हुआ है। इसी संगठन ने पिछले साल पनामा दस्तावेजों का खुलासा किया था जिसने दुनियाभर की राजनीति में तूफान पैदा किया था। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) के 2000-02 में प्रसारित पहले संस्करण के बाद बरमूडा की एक डिजिटल मीडिया कंपनी के शेयरधारक बने थे। साल 2004 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिबरलाइज्ड रिमिटेंस स्कीम शुरू करने से पहले तक सभी भारतीयों को विदेश में किए गए निवेश की जानकारी आरबीआई को देनी होती थी। ये साफ नहीं है कि अमिताभ बच्चन ने ये जानकारी आरबीआई को दी थी या नहीं। पैराडाइज पेपर के दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबियों से जुड़ी कंपनी के साथ कारोबारी संबंध हैं जबकि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने विदेशों में टैक्स से बचाव करने वाले स्थानों पर निवेश किया हुआ है। इसमें यह भी खुलासा किया गया है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू के लिए कोष जुटाने वाले और वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन ब्रॉन्फमैन ने पूर्व सीनेटर लियो कोल्बर के साथ मिलकर विदेशों में कर पनाहगाहों में करीब 6 करोड़ डॉलर का निवेश कर रखा है।