नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की पद्मावती फिल्म का विरोध अब राजस्थान के बाहर भी होने लगा है। राजस्थान में तो राजपूत समाज इस फिल्म के खिलाफ जबरदस्त विरोध में है। पोस्टर तक फाड दिए गए हैं। सिनेमाघरों को चेताया है कि अगर फिल्म लगाई तो ठीक नहीं होगा। राजपूत समाज के संगठनों ने संजय लीला भंसाली को कहा है कि फिल्म देखने के बाद ही इसका प्रदर्शन करने देने या नहीं देने का फैसला करेंगे। बिना दिखाए फिल्म चलाई तो फिल्म नहीं चलने देंगे। जयपुर में पोस्टर तक फाड दिए गए हैं। अब राजस्थान के बाहर मध्यप्रदेश में भी धरने-प्रदर्शन होने लगे हैं। इस फिल्म के विरोध में इंदौर व दूसरे शहरों में प्रदर्शन हुए। इंदौर में तो पोस्टर जला दिए गए। सिनेमाघरों के मालिकों को फिल्म नहीं लगाने के लिए चेताया है।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के संरक्षक मोहनसिंह सेंगर ने कहा कि पद्मावती फिल्म में राजपूत समाज और रानी पद्यावती के खिलाफ गलत तथ्य पेश करने से राजपूत समाज में आक्रोश है। इंदौर के फिल्म वितरकों और सिनेमाघर संचालकों को चेतावनी दी गई है कि जब तक राजपूत समाज को किसी भी दृश्य पर आपत्ति न हो, तब तक फिल्म प्रदर्शित न की जाए। इंदौर शहर अध्यक्ष धर्मेन्द्रसिंह गौतम ने बताया कि फिल्म चित्तौड़गढ़ की महारानी पद्मावती पर आधारित है। इसमें तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की गई है। ये कोशिश न सिर्फ हिंदू समाज बल्कि राजपुताना स्वाभिमान के मान-सम्मान पर चोट है और हिन्दू संस्कृति को विकृत करने का कृत्य है।