नयी दिल्ली । केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि नदी जोड़ो परियोजना सरकार की प्रतिबद्धता है और तीन महीने में केन बेतवा लिंक समेत इनमें से कुछ परियोजनाओं का काम धरातल पर दिखने लगेगा । उन्होंने जोर दिया कि गंगा की स्वच्छता के कार्यक्रम को जनसहभागिता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है, जबकि केन बेतवा समेत तीन नदी जोड़ो परियोजनाओं की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद संबंधित राज्यों के साथ चर्चा हो रही है । जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बात तब कही जब उनसे नरेन्द्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे एवं नदी जोड़ परियोजनाओं पर काम बेहद धीमी रफ्तार से चलने के बारे में पूछा गया । मंत्रालय के आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि पिछले तीन साल में गंगा को साफ करने की 184 परियोजनाओं में से केवल 46 ही पूरी हो सकी है और नदियों को जोड़ने की 31 परियोजनाओं में से एक पर भी काम शुरू नहीं हो पाया है ।
मेघवाल ने बातचीत में कहा कि इन परियोजनाओं पर कार्य जारी है और सरकार की प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा, ‘‘नदी जोड़ के तहत 31 परियोजनाएं हैं । इनमें से 5 परियोजनाएं जो हमारे लिये प्राथमिकता की सूची में हैं उनकी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं । एक..दो विषय अंतर राज्य विवाद से जुड़े हैं । हाल ही में संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की गई है । जल्द ही इनका समाधान निकाल लिया जायेगा।’’ मेघवाल ने कहा, ‘‘इनमें से तीन परियोजनाओं पर 3 महीने में काम धरातल पर दिखने लगेगा ।’’ मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन तीन नदियों को जोड़ने का कार्य किया जाएगा, उनमें केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना, दमनगंगा- पिंजाल संपर्क परियोजना तथा पार-तापी-नर्मदा संपर्क परियोजना शामिल हैं।
केन बेतवा नदी जोड़ परियोजना के तहत पर्यावरण, वन्यजीव समेत सभी मंजूरी प्राप्त हो गई है हालांकि मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच कुछ अंतर राज्य विषय से जुड़े मुद्दों को सुलझाना है। नमामि गंगे परियोजना के तहत कार्यक्रमों की धीमी रफ्तार के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि कई चीजें साथ साथ चल रही है । परियोजनाओं को ठीक ढंग से और पारदर्शिता के साथ पूरा करने के लिये उचित निविदा प्रक्रिया पूरा करना जरूरी है। इससे तकनीकी एवं वित्तीय पहलु जुड़े होते हैं । अनेक परियोजनाओं के संबंध में निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं । मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन वर्षो में 5 राज्यों उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 123 नये घाटों का निर्माण किया गया है, साथ ही 65 नये श्मशान गृहों का भी निर्माण हुआ है । मेघवाल ने कहा कि गंगा की सफाई सुनिश्चित करने के लिये धन की कोई कमी नहीं है । लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सतत रूप से नदी की साफ सफाई सुनिश्चित की जाए। इस उद्देश्य के लिये मंत्रालय ने जल क्रांति अभियान शुरू किया है जिसके तहत गंगा गांव, जल मित्र और महिला मित्रों को जोड़ा जा रहा है। हम जनभागीदारी को बढ़ावा दे रहे हैं । राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन :एनएमसीजी: के आंकड़ों के मुताबिक, 2011..12 के बाद से 4321.05 करोड़ रूपये जारी हुए हैं जिनमें से केवल 1963.18 करोड़ रूपये खर्च हुए । 2011..12 में 192.5 करोड़ रूपये जारी हुए और केवल 53.44 करोड़ रूपये खर्च हुए । 2012..13 में 191.52 करोड़ रूपये जारी हुए और 135.25 करोड़ रूपये खर्च हुए जबकि 2013..14 में 303.95 करोड़ रूपये जारी हुए और 266 करोड़ रूपये खर्च हुए । इसी प्रकार 2014..15 में 326 करोड़ रूपये जारी हुए और 170.99 करोड़ रूपये खर्च किये गये। 2015..16 में 1632 करोड़ रूपये जारी हुए और 602 करोड़ रूपये खर्च हुए जबकि 2016..17 में 1675 करोड़ रूपये जारी हुए और 774 करोड़ रूपये खर्च हुए।