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– जनप्रहरी एक्सप्रेस ने डेडीकेटे फ्रेट कॉरिडोर में मिट्टी, मास्ट, वायर समेत अन्य कार्यों में हो रहे घोटालों को किया था उजागर, डीएएमआईसीसी (दिल्ली मुम्बई कॉरिडोर), एलएंडटी, पीएमसी की मिलीभगत से हो रहे इस घोटाले की शिकायत मय दस्तावेज विजीलैंस शाखा के साथ पीएमओ, रेलवे मंत्री को दी गई।
जयपुर। देश के सबसे महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट दिल्ली मुम्बई कॉरिडोर के तहत राजस्थान में चल रहे प्रोजेक्ट में भारी धांधली और गड़बड़ी आखिर उजागर होने लगी है। सीबीआई ने रेलवे की विजीलैंस शाखा से मिलकर रेल मंत्रालय के उपक्रम डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के प्रोजेक्ट मैनेजर, डिप्टी मैनेजर समेत आठ अफसरों और निजी ठेकेदार फर्मों के कार्यालयों और घरों पर छापे मारे। गुरुवार को भी सीबीआई और विजीलैंस टीम की सर्च कार्रवाई चलती रही। अफसरों के ठिकानों से बड़ी मात्रा में नकदी मिली है, साथ ही जमीन समेत अन्य जगह किए गए निवेशों के भारी भरकम दस्तावेज भी मिले है। सोने-चांदी और बड़ी मात्रा में बैंक लॉकर्स मिले हैं। बैंक लॉकर्स बाद में खंगाले जाएंगे। सीबीआई और विजीलैंस टीम शाखा के छापों से कॉरीडोर प्रोजेक्ट के अफसरों और फर्मों में खलबली मच गई। इस प्रोजेक्ट के ठेके कार्य एलएंडटी कंपनी के पास है।

यह कंपनी प्रोजेक्ट कार्यों को खुद करने के बजाय दूसरी फर्मों को सबलेट करती है। सबलेट कंपनियां तय मानक में कार्य नहीं कर रही है। प्रोजेक्ट से जुड़े हर कार्य में भारी धांधली हो रही है। चाहे वह सीबीआई व विजीलैंस टीम की ओर से प्रोजेक्ट में बिछाई गई गिट्टियों में भारी गड़बड़ का मामला हो या रेलवे ट्रेक के लगाए जाने वाले मास्ट (खंबे), हर कार्य में भारतीय मानक ब्यूरो के तय नियमों व मापदंडो को दरकिनार किया जा रहा है। कम क्वालिटी के सामान की आपूर्ति हो रही है। इस कार्य में एलएंडटी ही नहीं रेल मंत्रालय के उपक्रम डीएफसीसीआईएल, पीएमसी व दूसरी विंग के अफसरों की भी मिलीभगत हैं, जिन्हें प्रोजेक्ट में हो रहे घोटाले व धांंधली के बारे में पता होने पर भी मोटी कमीशन के लालच में आंखें मूंदे हुए हैं। अब सीबीआई छापे और अनुसंधान में ऐसे अफसरों की पोल सामने आ सकेगी। खासकर उन रेलवे के वरिष्ठ आला अफसरों की, जो रिटायरमेंट के बाद अब इस प्रोजेक्ट में है और प्रोजेक्ट में हो रही धांधली में इनका ही बड़ा हाथ माना जा रहा है। ट्रांसफार्मर खरीद, वायर खरीद, मास्ट में भी भारी गड़बड़ी है। विजीलैंस टीम को इन सामानों की जांच तक नहीं करने दी जा रही है।

– जनप्रहरी एक्सप्रेस ने डेडीकेटेड फ्रेट के घोटाले को किया उजागर
जनप्रहरी एक्सप्रेस ने इस प्रोजेक्ट के तहत रेल ट्रेक के सहारे लगने वाले मास्ट (खंबे) में करोड़ों रुपए के खराब सामान की आपूर्ति के खेल को उजागर किया था। जनप्रहरी एक्सप्रेस ने अपनी वेबसाइट और समाचार पत्र में टेस्टिंग में फेल हजारों मास्ट खपाने की तैयारी में, फेल मास्ट खपाने के लिए नियम ही बदल डाले, विजीलैंस ने करोड़ों रुपए के घटिया खंबे खपाने की जांच शुरु की शीर्षक से समाचार प्रकाशित करके इस प्रोजेक्ट में करीब बाइस करोड़ रुपए के फेल मास्ट लगाने के घपले को उजागर किया था। ये समाचार पत्र प्रकाशित होने के बाद डीएमआईसीसी और डीएफसीसीआईएल ने इस ठेकों को निरस्त कर दिया था। हालांकि इस आदेश के बाद भी एलएंडटी ने टेस्टिंग में फेल मास्ट को प्रोजेक्ट साइट से माल नहीं उठाया, बल्कि इस मास्ट को ही वहां खपाने में लगी हुई है। इसके लिए नियम कायदे तक बदलवा दिए गए हैं। कॉरिडोर प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचाने वाले इस खेल में डीएमआईसीससी और डीएफसीसीआईएल के अफसर भी मिले हुए हैं, जो एलएंडटी के गलत कृत्यों को भी नजरअंदाज कर रहे हैं और कंपनी के साथ मिले हुए है। खराब मास्ट की शिकायत जनप्रहरी एक्प्रेस ने मय दस्तावेज पीएम नरेन्द्र मोदी, रेल मंत्री और डीएमआईसीसीसी व डीएफसीसीआईएल को भी की है। इसे लेकर जांच भी शुरु हो गई है। ऐसे कुछ ओर भी एलएंडटी के कारनामे है, जो इस प्रोजेक्ट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। जनप्रहरी एक्सप्रेस जल्द ही इन कारनामों को भी मय दस्तावेज उजागर करेंगी।

– प्रोजेक्ट मैनेजर के खातों में मिले चालीस लाख रुपए, करोड़ों रुपए के जमीन दस्तावेज
सीबीआई ने डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर वीके मित्तल के यहां करोड़ों रुपए की चल-अचल सम्पत्तियां के दस्तावेज मिले हैं। बैंक खातों में चालीस लाख रुपए है। घर में चार लाख रुपए नकद मिले है। पच्चीस लाख रुपए का सोना चांदी मिला है। अन्य निवेश संबंधी दस्तावेज मिले है। प्रोजेक्ट मैनेजर शिवशरण के छापे में क्या मिला है, इस बारे में सीबीआई ने खुलासा नहीं किया है। दूसरे अफसरों के बारे में जल्द ही खुलासे होंगे।
-अरबों की गिट्टी में मिट्टी ही मिट्टी
सीबीआई ने दिल्ली मुम्बई कॉरिडोर के तहत राजस्थान के रेल ट्रेक के लिए गिट्टी बिछाने का ठेका एलएण्डटी के पास है। इस कंपनी ने यह काम बजरंग, बालाजी मिनरल और शेवरॉन फर्मों को सबलेट कर दिया। इन तीनों फर्मों में तय नियमों के तहत गिट्टी डालने के बजाय खराब माल सप्लाई की और बिछा भी दी। इस संबंध में लगातार शिकायतें आने पर सीबीआई और रेलवे विजीलैंस ने गिट्टी के सैंपल उठाए थे। जांच में खराब क्वालिटी की गिट्टी पाए जाने पर सीबीआई और विजीलैंस ने आज छापे मारे। डीएफसीसीआईएल के दो अफसरों, एलएंडटी और पीएमसी के आठ अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है सीबीआई ने। अरबों रुपए की गिट्टी का ठेका एलएंडटी को दिया है। गिट्टी के इस खेल में मिट्टी ही मिट्टी सामने आई है। खराब गिट्टी डालने से इस कॉरिडोर को नुकसान पहुंचने की संभावना है।

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