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नयी दिल्ली : अमेरिकी व्हिसलब्लोवर एडवर्ड स्नोडेन ने आज कहा कि आधार डेटा में कथित सेंध पर खबर देने वाली भारतीय पत्रकार के खिलाफ जांच बिठाने की जगह उसे पुरस्कृत किया जाना चाहिये।स्नोडेन ने यह भी कहा कि भारत सरकार को अपने नागरिकों की निजता की रक्षा के लिये अपनी नीति में सुधार करना चाहिये। स्नोडेन सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी :सीआईए: के एक पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने फोन और इंटरनेट संचार पर अमेरिकी निगरानी का खुलासा किया था।

स्नोडेन ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘आधार में सेंध का खुलासा करने वाली पत्रकार जांच की नहीं बल्कि पुरस्कार की हकदार हैं। अगर सरकार वाकई न्याय को लेकर चिंतित है तो वे नीति में सुधार करेंगे, जिसने एक अरब भारतीयों की निजता नष्ट कर दी है। जो लोग इसके लिये जिम्मेदार हैं उनकी गिरफ्तारी चाहता हूं। उसे @UIDAI कहा जाता है।’’ आधार 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है, जो भारत के हर निवासी को जारी किया जाता है। यह इन निवासियों के बायोमीट्रिक और जनांकिकीय आंकड़ों पर आधारित होता है। ये आंकड़े एक वैधानिक प्राधिकार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण :यूआईडीएआई: जुटाता है।दिल्ली पुलिस ने आधार डेटा में कथित सेंध संबंधी खबर पर यूआईडीएआई की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

साल 2013 से रूस की शरण में रह रहे 34 वर्षीय स्नोडेन ने कहा, ‘‘निजी जीवन का रिकॉर्ड रखने की इच्छा सरकार की स्वाभाविक प्रवृत्ति है। इतिहास दर्शाता है कि भले ही कानून हो, नतीजा इसका दुरुपयोग होता है।’’ आधार डेटा में कथित सेंधमारी की पुलिस जांच की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया समेत विभिन्न मीडिया संगठनों और निकायों ने निंदा की है और मामले को वापस लेने की मांग की है।

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