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नई दिल्ली। वर्तमान में अगर वर्ल्ड क्रिकेट की बात की जाए तो विराट कोहली की आगे कोई नहीं टिकता क्योंकि उन्होंने इस खेल के तीनों प्रारूपों में अपने बल्ले से धूम मचा रकी है। वे विश्व के एकलोते बल्लेबाज हैं जो क्रिकेट की तीनों प्रारूपों में 50 का औसत रखते हैं और भी बल्लेबाज हैं जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं मगर कोहली तीनों प्रारूपों में जिस तरह का प्रदर्शन कर रहे हैं उनके आसपास भी कोई नहीं ठहरता। इसलिए अब उनकी प्रशंसा करने वालों में संगकारा का नाम भी जुड़ गया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज के दौर के सभी बल्लेबाजों से काफी आगे हैं और महान बनने की राह पर हैं। रन-मशीन कोहली के लिए 2018 का साल शानदार रहा। कोहली ने इस साल इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के टेस्ट और वनडे इंटरनैशनल में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर का खिताब जीता। इस दौर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन, आॅस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ (बैन के कारण बाहर चल रहे), इंग्लैंड के जो रूट को पीछे छोड़ते हुए कोहली ने बीते साल दमदार प्रदर्शन किया। वह वनडे इंटरनैशनल और टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजों की लिस्ट में टॉप पर काबिज हैं। संगकारा ने कहा, ‘विराट के खेल का हर पहलू सबसे अलग है। मुझे लगता है कि मौजूदा दौर के क्रिकेट में वह बाकी खिलाड़ियों से काफी आगे हैं।’ श्री लंका के इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा, ‘मैं और आगे यह कहना चाहूंगा कि कोहली अगर सर्वकालिक महानतम क्रिकेटर नहीं भी बने तो वह सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की लिस्ट में जरूर शामिल होंगे।’ 222 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में कोहली ने 39 शतक लगाए हैं। इस लिस्ट में वह सचिन तेंडुलकर से पीछे हैं जिन्होंने 463 मैचों में 49 शतक लगाए हैं।

इससे अलावा 77 टेस्ट मैचों में विराट के नाम 25 टेस्ट शतक भी हैं। संगकारा खेल के हर प्रारूप में कोहली की कामयाबी को देखकर हैरान हैं। श्री लंका के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘अगर आप देखें कि वह किस रफ्तार या लय से बल्लेबाजी करते हैं, तो यह बमुश्किल बदलता है। वह परिस्थितियों को काफी अच्छी तरह समझते हैं। वह खेल को लेकर काफी जुनूनी हैं। अगर आप मैदान पर उनका ऐटिट्यूड देखें तो यह एक व्यक्ति और बल्लेबाजी रवैये की प्रतिरूप ही नजर आता है।’ संगकारा के पूर्व टीममेट महेला जयवर्धने ने भी कोहली की तारीफ की। उन्होंने कहा कि जिस तरह वह 130 करोड़ लोगों की अपेक्षाओं का बोझ लेकर बल्लेबाजी करते हैं वह प्रशंसनीय है। जयवर्धने ने कहा, ‘यह सिर्फ काबिलियत की बात नहीं है लेकिन बड़ी बात यह भी है कि वह मैदान पर या उसके बाहर दबाव का सामना किस तरह करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम सचिन के साथ बड़े हुए। उन्हें देखना एक अलग तरह का अनुभव था। और अब अगली पीढ़ी के लिए यह जिम्मेदारी अब शायद विराट के कंधों पर है।’

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