जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष एवं मीडिया चेयरपर्सन डॉ. अर्चना शर्मा ने मेट्रो निर्माण के दौरान विरासत के साथ हो रहे खिलवाड़ को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। डॉ. शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश की राजधानी विश्व प्रसिद्ध हैरिटेज सिटी है, जिसका परकोटा व उसके अन्दर निर्मित भवन, मंदिर व अन्य निर्माण विरासतकालीन धरोहर के हिस्से है। उन्होंने कहा कि शहर में बने हुए सभी मंदिर वास्तु के अनुसार निर्मित है. ऐसे में मंदिरों को ध्वस्त कर मूर्तियों को हटाया जाना आमजन की भावना को आघात पहुँचा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जितने भी मंदिरों को मेट्रो निर्माण के दौरान हटाया गया था तब सरकार की ओर से वादा किया गया था कि सभी मंदिरों की पुन: प्राण-प्रतिष्ठा यथास्थान पर की जाएगी परन्तु वास्तविकता यह है कि समस्त तोड़े गए मंदिरों की मूर्तियों को दूसरे स्थान पर रखा गया है और कई मूर्तियाँ इस दौरान खण्डित भी हुई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भाजपा ने मंदिर निर्माण के नाम पर अपने आप को स्थापित किया है, वहीं दूसरी ओर शासन में आने के बाद नीतिगत फैसले लेकर वास्तु निर्मित मंदिरों को बिना आर्केलॉजिकल परमिशन व हैरिटेज असेसमेंट करवाये हटाया जा रहा है जो धार्मिक स्थलों के ध्वस्तीकरण की सरकारी कवायद है। उन्होंने कहा कि इस कार्यवाही नेे भाजपा के दोहरे चरित्र को भी ऊजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों का जनता की भावनाओं के आहत होने के दौरान चुप्पी साधे रहना उनकी इस कृत्य में सहमति का गवाह है। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि मंदिरों को हटाने के पीछे प्रशासन का जिम्मेदार ठहरा रहे है जो उनके द्वारा जवाबदेही से बचने का तरीका है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का काम सरकार के निर्देशों की अनुपालना है इसलिए भाजपा के विधायकों द्वारा प्रशासन को जिम्मेदार बताना उनके अपराधबोध को भी दर्शा रहा है।