जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने राजस्थान के जयपुर जिले स्थित गोविंदगढ़ कस्बे में महज एक सप्ताह के भीतर दूसरी बड़ी कार्रवाई करते हुए गोविंदगढ़ उप तहसील के नायब तहसीलदार को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि नायब तहसीलदार कैलाश चंद मीणा ने रिश्वत की यह राशि परिवादी के रजिस्टर्ड वसीयत पर नामांतकरण खुलवाने के एवज में ली थी।
एसीबी ने बताया कि नांगल कोजू के बगड़ी निवासी रामशरण यादव अगस्त 2016 से ही रजिस्टर्ड वसीयत पर नामांतकरण खुलवाने के लिए उप तहसील के चक्कर काट रहा था। उप तहसील कार्यालय से उसे लगातार टरकाया जा रहा था। नायब तहसीलदार मीणा ने उसको नामांतकरण खुलवाने की एवज में एक लाख रुपए मांगें। जबकि नायब तहसीलदार मीणा 20 हजार पहले ही ले चुका था। मंगलवार को 50 हजार रुपए दिए जाना तय हुआ। जहां परिवादी ने ब्यूरो से संपर्क किया। ब्यूरो ने पहले अपने स्तर पर मामले की जांच की। जांच के दौरान मामला सही पाया गया तो जाल बिछा दिया गया। रामशरण यादव नायब तहसीलदार के पास 50 हजार रुपए की राशि लेकर पहुंचा तो नायब तहसीलदार ने अपनी सीट पर ही उससे रिश्वत की यह राशि ले ली। जहां इशारा मिलने के साथ ही उसे धर दबोचा गया और रिश्वत के रुप में ली गई राशि बरामद को बरामद कर लिया।