जयपुर. राजस्थान में बीजेपी की सरकार के गठन के साथ ही जयपुर में नगर निगम प्रशासन भी एक्टिव मोड में आ गया है। रविवार को जयपुर ग्रेटर नगर निगम की पशु प्रबंधन समिति ने शहर में अवैध मीट की दुकानों के खिलाफ अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत जयपुर के झोटवाड़ा, सांगानेर और विद्याधर नगर इलाके से अवैध मीट की 40 से ज्यादा ज्यादा दुकानों पर करवाई की गई। इस दौरान एक बूचड़खाने और एक दुकान को सीज करने के साथ ही 350 किलो अवैध मीट को जब्त कर फिनाइल से नष्ट किया गया। वहीं, 15 बकरे और 5 पेटी मछलियां भी जब्त की गईं। निगम की कार्रवाई की सूचना मिलते ही कई दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर चले गए। इनके खिलाफ निगम अब एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। नगर निगम की पशु प्रबंधन समिति के डिप्टी कमिश्नर हरेंद्र सिंह ने बताया मेयर सौम्या गुर्जर के निर्देश पर रविवार को ग्रेटर निगम क्षेत्र में औचक कार्रवाई की गई। इस दौरान 40 से ज्यादा दुकानों की जांच की गई, जहां नियमों के विपरीत मीट काटने के साथ ही बेचने के रखा गया था। निगम की टीम ने अवैध बूचड़खाने को सीज किया है, जबकि लाइसेंस होने के बावजूद नियमों की अवहेलना कर मीट बेचने वाले दुकानदारों के चालान काटे गए हैं। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, ताकि शहर में अवैध रूप से संचालित मीट की दुकानों पर अंकुश लगाया जा सके। नगर निगम ग्रेटर के वार्ड 71 के पार्षद गणेश सिंह नाथावत ने बताया कि नगर निगम ने काफी समय बाद कार्रवाई शुरू की है। इसे अब से काफी वक्त पहले ही शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन कोई बात नहीं। देर आए दुरुस्त आए, निगम की यह कार्रवाई स्वागत योग्य है, क्योंकि इस समस्या से सबसे ज्यादा आमजन परेशान हैं। ऐसे में बिना लाइसेंस और खुले में चलने वाली सभी मीट की दुकानों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही जो दुकानदार गलत तरीके से बिना लाइसेंस के लोगों को मीट बेच रहे हैं। उनकी दुकानों को भी सीज किया जाना चाहिए। बता दें कि इससे पहले 4 दिसंबर के दिन नगर निगम हेरिटेज में भी अवैध मीट की दुकानों के खिलाफ हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य ने अभियान शुरू किया था। उन्होंने चारदीवारी के प्रमुख बाजारों में दौरा कर अवैध मीट की दुकानों को बंद करने की कार्रवाई की थी। इस दौरान रामगढ़ मोड़ पर दुकानदारों के साथ बालमुकुंद आचार्य की बहस भी हो गई थी। इसको लेकर उनको सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया था। हालांकि अगले ही दिन उन्होंने नियमों के तहत काम करने वाले व्यापारियों को परेशान नहीं करने की बात भी कही थी।

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