बेलगावी। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री रमेश कुमार ने आज कहा कि राज्य सरकार निजी स्वास्थ्य देखभाल को नियमित करने के उद्देश्य से प्रस्तावित एक विधेयक के विरोध में आंदोलन कर रहे डॉक्टरों से बातचीत के लिए तैयार है और वह इस मुद्दे का समाधान ढूंढने का प्रयास करेगी। मंत्री विधानसभा में विपक्षी भाजपा सदस्यों के सवालों का जवाब दे रहे थे । इन सदस्यों ने पूरे राज्य में कई मरीजों की मौत की खबरों और डॉक्टरों के प्रदर्शन का मुद्दा उठाया था। उधर चिकित्सक निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को बंद रखे हुये हैं।
अपनी मांग को लेकर शहर में पांच मेडिकल संस्थाओं से संबद्ध डॉक्टरों ने कल घोषणा की थी कि सरकार के अपना फैसला वापस लेने तक बाह्य रोगी सेवा बंद रखी जाएगी डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि सरकार का रूख चिकित्सा पेशे के लिए ह्यनुकसानदायकह्ण है । भाजपा ने कुमार पर आरोप लगाया कि वे बातचीत के जरिए सौहार्दपूर्ण तरीके से मामले का समाधान ढूंढने का प्रयास करने के बजाय इसे प्रतिष्ठा का विषय बना रहे हैं । मंत्री ने कहा कि यह उनके लिए प्रतिष्ठा का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि वे डॉक्टर हैं जिन्होंने इसे प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है क्योंकि उन्होंने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है जबकि अभी विधेयक सदन में लाया जाना शेष है। कुमार ने कहा, हम जल्द ही समाधान निकालने का प्रयास करेंगे, हम डॉक्टरों के साथ चर्चा करने को तैयार हैं। मैं इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करूंगा। मंत्री के जवाब से नाखुश भाजपा के सदस्यों ने मामले का तत्काल समाधान करने की मांग करते हुये सदन से वॉकआउट किया। उन्होंने दावा किया कि इस समाधान में देरी से काफी मरीजों की जान जा सकती है।