
जयपुर, 26 जुलाई। भूजल मंत्री बुलाकी दास कल्ला ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार अडानी पॉवर लिमिटेड की अटकी हिस्सा राशि हासिल कर प्रदेश की महत्वकांक्षी परवन वृहद बहुउद्देशीय परियोजना का कार्य पूरा करेगी।
कल्ला शुक्रवार को विधानसभा में मांग संख्या-38 लघु सिंचाई एवं भूमि संरक्षण तथा मांग संख्या-46 सिंचाई पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने लघु सिंचाई एवं भूमि संरक्षण की 01 अरब, 18 करोड़ 02 लाख 97 हजार रुपये एवं सिंचाई की 38 अरब, 50 करोड़ 75 लाख 07 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
भू-जल मंत्री ने कहा कि गत सरकार अडानी पॉवर लिमिटेड की हिस्सा राशि लेने में असफल रही थी, जिससे परवन वृहद बहुउद्देशीय परियोजना के कार्य अटक गए थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अडानी पॉवर लिमिटेड की हिस्सा राशि 964 करोड़ 53 लाख रुपए जल्द हासिल करेगी और परियोजना को पूरा कर जनता को लाभान्वित करेगी। उन्होंने कहा कि बांध एवं नहरों के प्रगतिरत निर्माण कार्य वर्ष 2022 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। परियोजना से 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई उपलब्ध करायी जाएगी एवं 1820 गांवों में पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा।
श्री कल्ला ने कहा कि प्रदेश में केन्द्र एवं राज्य सरकार की बराबर हिस्सेदारी से सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम (सीएडीडब्ल्यूएम) के अन्तर्गत आठ परियोजनाएं प्रगतिरत थी। केन्द्र सरकार ने अप्रेल, 2017 में सात परियोजनाओं पर केन्द्रीय सहायता देना बंद कर दिया। इससे कमाण्ड क्षेत्र में 6 लाख 83 हजार हैक्टर क्षेत्र में पक्का खाला निर्माण की गति धीमी हो गई। राज्य निधि से 2017-18 में लगभग 40 हजार हैक्टर एवं 2018-19 में 23 हजार 500 हैक्टर क्षेत्र में ही पक्का खाला निर्माण हो सका। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इन परियोजनाओं के शेष रहे क्षेत्र के विकास के लिए 2017 में नई योजना लांच करने की घोषणा की थी। इसके तहत गत सरकार ने अक्टूबर, 2017 में लगभग छह हजार करोड़ रुपए की योजना बनाकर केन्द्र सरकार को भेजी थी, लेकिन अभी तक स्वीकृत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सिंचित क्षेत्र विकास मंत्री ने इस संबंध में तीन बार केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से आग्रह किया, लेकिन अभी तक स्वीकृति आना बाकी है।
कल्ला ने कहा कि सरकार ने जायका के तहत राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना में गत जनवरी से मार्च माह तक 55 करोड़ एवं इस वित्त वर्ष में 83 करोड़ 37 लाख रुपए खर्च किए गए, जबकि गत सरकार ने 2017-18 में केवल 18 करोड़ एवं 2018-19 में दिसम्बर माह तक 69 करोड़ रुपए ही खर्च किए। उन्होंने बताया कि रेगिस्तानी क्षेत्र में राजस्थान जल क्षेत्र पुनर्संरचना परियोजना के तहत इस वर्ष 207 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे, जबकि गत सरकार ने वर्ष 2017-18 में मात्र 44 करोड़ 56 लाख रुपए खर्च किए।