जयपुर। 2013 में आरपीए में तैनात आईपीएस इंदुभूषण के अपने अर्दली के साथ मारपीट करने के मामले में दर्ज एफआईआर में अनुसंधान जारी रखने के आदेश देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश महेन्द्ग माहेश्वरी की एकलपीठ ने पुलिस को कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट पेश करने पर अंतरिम रोक लगा दी। इस संबंध में इंदुभूषण की ओर से आपराधिक याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि 2०13 में आरपीए में तैनात रहने के दौरान एक सिपाही ने उसके खिलाफ प्रताड़ना और मारपीट का आरोप लगाते हुए शास्त्रीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लेकिन 4 साल बाद भी मामले में अब तक जांच लंबित है। पिछले दिनों शास्त्रीनगर पुलिस उसके घर दबिश देकर गिरफ्तारी का प्रयास किया था। जबकि सीआरपीसी की धारा 468 के तहत यदि तीन साल तक की सजा तक का अपराध में जांच तीन साल से अधिक लंबित है तो मजिस्ट्रेट उस पर प्रसंज्ञान नहीं ले सकता है। इस मामले में भी जांच तीन साल से अधिक लम्बित है। इसलिए पुलिस में दर्ज इस एफआईआर को रद्द किया जाए।