लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गृह नगर गोरखपुर के एक अस्पताल में बीते पांच दिनों में 60 से अधिक बच्चों की मौत के पीछे आॅक्सीजन की कमी को खारिज करते हुए शनिवार को विरोधाभासी बयान दिए और कहा कि उन्होंने आॅक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी की भूमिका और अन्य कमियों की जांच के लिए मुख्य सचिव के अधीन एक समिति गठित की है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और उनके स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बीते तीन वर्षो के दौरान अगस्त महीने में होने वाली बच्चों की मौतों का आंकड़ा देते हुए दावा किया कि ये मौतें जापानी इनसेफलाइटिस जैसी मच्छर जनित बीमारियों के कारण हुई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री के साथ संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। बच्चों की मौतों पर इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य सरकार पर विपक्षी पार्टियों का चारों ओर से हमला जारी रहा, वहीं भाजपा नेता साक्षी महाराज और बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने इस हादसे को ‘जनसंहार’ की संज्ञा दी।

समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आनन-फानन में संवाददाता सम्मेलन बुलाकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा और बच्चों की मौत पर दुख व्यक्त किया। आम आदमी पार्टी (आप) ने जहां मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का पुतला फूंका तो राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर डाली। आदित्यनाथ और सिद्धार्थनाथ ने जोर देकर कहा कि गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में किसी बच्चे की मौत आॅक्सीजन की कमी के चलते नहीं हुई, हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि 10 अगस्त को तरल आॅक्सीजन की आपूद्गत चार घंटे के लिए बाधित रही थी। आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को लापरवाही और प्रशासनिक कमियों के चलते पहले ही निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मामले पर मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जा चुके हैं, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी, जबकि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई जांच समिति की रिपोर्ट एक सप्ताह में आएगी। आदित्यनाथ ने मीडिया से भी तथ्यपरक और पुष्ट खबरें प्रसारित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, अस्पताल में हुई हर मौत को लेकर हम संवेदनशील हैं और आप सबसे भी निवेदन है कि तथ्यों और आंकड़ों को लेकर सावधानी बरतें। मृतक बच्चों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार के लिए इनसेफलाइटिस बहुत बड़ी चुनौती है और उनके लिए व्यक्तिगत तौर पर इस बीमारी का फैलना भावुक करने वाला है, क्योंकि 1998 से वह खुद इसके खिलाफ लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात की, स्थिति के बारे में पूछा और केंद्र सरकार से हर मदद का आश्वासन दिया। आदित्यनाथ ने बताया कि वह खुद नौ जुलाई और नौ अगस्त को अस्पताल दौरे पर गए थे, लेकिन तब उन्हें आॅक्सिजन या किसी अन्य सुविधा की कमी की बात नहीं बताई थी। सिद्धार्थनाथ ने भी बच्चों की मौत के पीछे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आॅक्सीजन की कमी या आॅक्सीजन की आपूर्ति में बाधा की बात से इंकार किया।

LEAVE A REPLY