– जनप्रहरी एक्सप्रेस की खबर के बाद भारत सरकार ने उठाया कदम। घोटालों से घिरे अजमेर डिस्कॉम से दस हजार करोड़ रुपये के दो सौ मेगावाट रुफटॉप सोलर प्लांट योजना का टेण्डर निरस्त किया। जनप्रहरी एक्सप्रेस ने उठाया था भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितताओं से घिरे अजमेर डिस्कॉम को भारत सरकार के इतने बड़े प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दिए जाने पर सवाल।
– राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। अब दूध की रखवाली बिल्ली से नहीं करवाई जाएगी। भारत सरकार ने बिल्ली से दूध की रखवाली का जिम्मा छीन लिया है यानि अब दस हजार करोड़ रुपये के दो सौ मेगावाट रुफटॉप सोलर प्लांट योजना का जिम्मा अब घोटालों और वित्तीय अनियमितताओं से घिरे अजमेर डिस्कॉम प्रबंधन के पास नहीं रहेगा। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दैनिक जनप्रहरी एक्सप्रेस में प्रकाशित समाचार अब बिल्ली को दूध की रखवाली पर प्रसंज्ञान लेते हुए दो सौ मेगावाट रुफटॉफ प्लांट योजना का ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद अजमेर डिस्कॉम ने सोमवार को 200 मेगावाट रटेण्डर निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। दो दिन पहले जनप्रहरी एक्सप्रेस ने भारत सरकार की कुसुम, सौभाग्य समेत अन्य योजनाओं में करोड़ों रुपयों के घोटालों से घिरे अजमेर डिस्कॉम को दस हजार करोड रुपये के रुफटॉफ सोलर प्लांट योजना की जिम्मेदारी दिए जाने पर गंभीर सवाल उठाए गए थे। यहीं नहीं इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय, सीबीआई दिल्ली, एसीबी राजस्थान आदि को अवगत कराया गया। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस पर प्रसंज्ञान लेते हुए दो सौ मेगावाट का टेण्डर निरस्त करने के निर्देश दिए, जिसके बाद अजमेर डिस्कॉम को टेण्डर प्रक्रिया निरस्त करनी पड़ी। यहीं नहीं राजस्थान में 55 मेगावाट के रुफटॉप सोलर प्लांट लगेंगे। यह कार्य अब तीनों कंपनियों जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम अलग-अलग करेगी। जयपुर डिस्कॉम को 25 मेगावाट तो जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम को पन्द्रह-पन्दह मेगावाट की जिम्मेदारी दी है। अजमेर डिस्कॉम के एडिशनल चीफ इंजीनियर अशोक कुमार ने सोमवार को दो सौ मेगावाट सोलर प्लांट के टेण्डर निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं। इन्होंने ही उक्त टेण्डर निकाले थे। गौरतलब है कि घरेलू उपभोक्ताओं को रुफटॉप सोलर प्लांट लगाने का कार्य जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम में अलग-अलग होना था, लेकिन अजमेर डिस्कॉम के एमडी विजय सिंह भाटी ने अकेले ही यह कार्य करवाने की जिम्मेदारी हासिल कर ली। जिसे लेकर ऊर्जा विभाग समेत बिजली कंपनियों में खूब चर्चा रही।
– 9 फरवरी को खुलने वाला था टेण्डर
करीब दस हजार करोड़ रुपये की दो सौ मेगावाट की रुपटॉफ सोलर प्लांट योजना के कार्यों का जिम्मा अजमेर डिस्कॉम को देने के बाद इसकी टेण्डर प्रक्रिया शुरु हो गई थी। 9 फरवरी को टेण्डर निकाला जाना था। पहले यह 25 जनवरी को खुलने वाला था, लेकिन बताया जाता है कि चहेती फर्म को कथित तौर पर फायदा देने के लिए तारीख को बढ़ाकर 9 फरवरी कर दी गई थी। तीनों डिस्कॉम कंपनियों में यह भी चर्चा थी कि यह टेण्डर भी गुजरात से जुड़ी कंपनियों को ही मिलना था। इन कंपनियों में अजमेर डिस्कॉम के आला अधिकारी के बेटों, बहू और बहन की हिस्सेदारी है। इस हिस्सेदारी फर्म के जरिये गत तीन साल के दौरान अरबों रुपयों के कार्य करवाए गए हैं। लेकिन टेण्डर निकलने से पहले ही जनप्रहरी एक्सप्रेस ने नियम विरुद्ध तरीके से हो रहे इस खेल को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया। जिसके बाद केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस टेण्डर को निरस्त करने के निर्देश दिए।
– जनप्रहरी ने ये सवाल उठाकर मांगे थे जवाब
– दस हजार करोड़ रुपये के 200 मेगावाट की रुपटॉफ सोलर प्लांट योजना के तहत कार्य पूरे प्रदेश में होने हैं। फिर अजमेर डिस्कॉम को ही यह कार्य का जिम्मा क्यों दिया और बाकी दोनों कंपनियों को क्यों वंचित रखा गया है?
– प्रदेश में जयपुर, जोधपुर, अजमेर समेत पांच बिजली कंपनियां है। आखिर अजमेर डिस्कॉम ने सोलर प्लांट या अन्य योजनाओं में ऐसा कौनसा उल्लेखनीय कार्य कर दिया, जिसके चलते अजमेर डिस्कॉम को इतनी बड़ी योजना का जिम्मा सौंपा गया?
– अजमेर डिस्कॉम प्रबंधन पर सौभाग्य, कुसुम, सोलर प्लांट, डिफेक्टिव मीटर्स को राइट ऑफ करने जैसे करोडों रुपयों के घोटाले व वित्तीय अनियमितताएं उजागर हो चुकी है। जांच रिपोर्ट में भी यह साबित हो चुका है। बावजूद इसके प्रदेश की इतनी बड़ी योजना का जिम्मा भ्रष्टाचार के चलते विवादों में रही अजमेर डिस्कॉम को क्यों दिया गया?
– अजमेर डिस्कॉम के आला अधिकारी पर ठेका कंपनियों व फर्मों को नाजायज फायदा देने, कंपनियों में नजदीकी रिश्तेदारों की हिस्सेदारी और वित्तीय अनियमितताओं के मामले सामने आ चुके हैं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आला अधिकारी की कंपनियों को कथित फायदा देने के लिए अजमेर डिस्कॉम प्रबंधन को दो सौ मेगावाट रुपटॉफ सोलर प्लांट कार्य का जिम्मा दिया गया है?