मुंबई। देश के राष्ट्रगीत वंदेमातरम को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ती नजर आ रही है। मद्रास हाईकोर्ट के आए फैसले को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक विवाद सामने आया है। भाजपा के एक विधायक ने जहां इसे प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों में लागू करने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर अन्य दलों के विधायकों ने ऐसे कदमों का विरोध जताया है।
मुम्बई में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इद्दाहदुला मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के विधायक वारिस पठान ने कहा कि भले मेरे सिर पर रिवॉल्वर रख दो, मैं तब भी राष्ट्रगीत नहीं गाऊंगा। मेरा धर्म और कानून इसके लिए मुझे इजाजत नहीं देता। वहीं समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र इकाई अध्यक्ष व विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि इस्लाम का मैें सच्चा अनुयायी हूं। वंदे मातरम गाना मेरे धर्म और संविधान के खिलाफ होगा। वैसे एक सच्चा मुस्लिम इसे कभी नहीं गाएगा। भले मुझे देश से बाहर फैंक दो, तब भी नहीं गाऊंगा।
-मांग उठाई तो प्रतिक्रिया सामने आई
दरअसल भाजपा विधायक राज पुरोहित ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि वंदे मातरम को महाराष्ट्र के सभी स्कूलों और कॉलेजों में गाया जाना अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि तमिलनाडु के स्कूलों में राष्ट्रगीत को सप्ताह में कम से कम 2 बार गाना अनिवार्य बना दिया गया। अब इस मामले में सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलकर मांग की जाएगी। मैं सदन में भी इस मांग को उठाऊंगा।
-राउत ने बताया गद्दार
सपा और एआईएमआईएम की तीखी आलोचना करते हुए शिवसेना नेता और परिवहन मंत्री दिवाकर राउत ने कहा कि ये लोग तो गद्दार हैं। उन्हें यह पता होना चाहिए कि वंदे मातरम एक देशभक्ति गीत है। इसे स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी की लड़ाई के दौरान गाया।