अजमेर। राजस्थान के अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन को गौवंश की हत्या और गौ-वंश मांस पर बैन लगाने का बयान देना भारी पड़ गया है। गरीब नवाज के 805 वें उर्स के दौरान जैनुल आबेदीन ने यह बयान दिया था। इस बयान के बाद सियासी और धार्मिक क्षेत्र में काफी गरमाहट शुरु हो गई। इस बयान के बाद विरोध झेल रहे जैनुल आबेदीन के भाई अलाउद्दीन आलिमी ने उन्हें दरगाह के दीवान पद से हटाने का ऐलान कर दिया है और अलाऊददीन ने खुद को ही हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह का दीवान घोषित कर लिया है। जैनुल आबेदीन ने बीफ मांस पर रोक लगाने के साथ मुस्लिम समाज में विवादों में चल रहे ट्रिपल तलाक को भी इस्लाम विरोधी करार दिया था। जैनुल ने कहा था कि गौवंश की हत्या और गौवंश मांस खाने से दो समुदाय में नफरत और अविश्वास का माहौल बढ़ रहा है। देश में शांति के लिए भारत सरकार को इस पर बैन लगा देना चाहिए। उन्होंने मुसलमानों को भी गौमांस नहीं खाने की अपील की थी और खुद ने भी ऐलान किया था कि वे और उनका परिवार गौमांस का सेवन नहीं करने की घोषणा की थी।