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जयपुर। अजमेर लोकसभा उपचुनाव की तिथियों की अभी घोषणा हुई भी नहीं है लेकिन भाजपा ने चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस से बढ़त ले ली है। कांग्रेस के किसी भी उम्मीदवार को हराने के लिए आठों विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी अपने तेज तर्रार मंत्रियों को सौंपकर बिसात बिछा दी है। वैसे तो भाजपा ने भी अभी अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है लेकिन मतदातओं तक पहुंच बनाने के लिए मंत्रिमंडल और संगठन के पदाधिकारियों को उतार दिया है।

कांग्रेस का दारोमदार संपन्न व सक्षम उम्मीदवार पर – कांग्रेस अलवर और अजमेर दोनों लोकसभा उपचुनाव में ऐसे सक्षम उम्मीदवारों को ही उतारने के मूड में जो पैसे और प्रतिष्ठा से दूसरे उम्मीदवारों के मुकाबले भारी पड़ता हो। उम्मीदवार की पकड़ भी क्षेत्र में पूरी होनी चाहिए । ऐसे में अलवर में भंवर जितेंद्र और अजमेर में सचिन पायलट पर ही नजर टिकती है। दोनों स्थानों पर पिछले आम चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह से हार झेल चुकी है इसलिए यहां उसके लिए खोने को कुछ भी नहीं है। फिर भी वह अपनी प्रतिष्ठा फिर से हासिल करने के लिए इन दोनों सीटों पर पूरा जोर लगाकर जीत हासिल करने की कोशिश करेगी। इन दोनों सीटों पर किसी और उम्मीदवार के बारे में सोचना भी कांग्रेस के लिए आत्मघाती कदम जैसा साबित हो सकता है। सचिन ने सबसे पहले यहीं से लोकसभा का सफर शुरू किया था। अगले चुनाव में वे भाजपा की लहर में हार भले ही गए हों लेकिन पकड़ उनके मुकाबले दूसरे किसी नेता की नहीं है ।

अपनों से ही खतरा है कांग्रेस को – कांग्रेस के लिए यहां तीन फैक्टर काम के हैं और तीन ही खिलाफ में है। काम के फैक्टर में मोदी की नोटबंदी और जीएसटी से बना विरोध का माहोल है तो भाजपा सरकार के प्रति आम लोगों की नाराजगी भी है। तीसरा फैक्टर जातिगत समीकरण का है। खिलाफ में रहने वाले फैक्टर में सबसे बड़ा कांग्रेस का उतरता ग्राफ है। कांग्रेस किस बड़े चेहरे के बल पर यहां के मतदाताओं को प्रभावित करेगी यह मुश्किल भरा सवाल है। राहुल गांधी के आने से भी सचिन को बड़ा फायदा मिलेगा, इसकी उम्मीद तो कांग्रेस को भी नहीं है। दूसरा फैक्टर अशोक गहलोत का गुजरात चुनाव में व्यस्त रहना है। राजस्थान कांग्रेस में फिलहाल गहलोत फैक्टर हवा बनाने और बिगाड़ने दोनों में काम करता है। तीसरा फैक्टर राजपूतों में सरकार के प्रति नाराजगी से विरोध की हवा बनने का भी है ।

बढ़त पहले ही लेना चाहती है भाजपा – उधर, भाजपा भी यह मानकर चल रही है कि उसके उम्मीदवार के मुकाबले कांग्रेस सचिन पायलट को उतार सकती है इसलिए पहले से ही ऐसी घेराबंदी करने की तैयारी की जा रही है कि कांग्रेस अपना प्रचार अभियान शुरू करे तब तक भाजपा प्रचार के मामले में काफी आगे निकल जाए।

सचिन को इन मंत्रियों से भी लेना होगा लोहा–भाजपा ने यहां राजेंद्र राठौड़ को मसूदा, कालीचरण सराफ को किशनगढ़,  बाबूलाल वर्मा को केकड़ी, यूनुस खान को पुष्कर, अजय सिंह किलक को दूदू ,कालूलाल गुर्जर को नसीराबाद और राजकुमार रिणवा व जसवंत यादव को अजमेर व उत्तर दक्षिण विधानसभाओं में तैनात कर दिया है। वहीं संगठन के पदाधिकारियों में हरिहर पारीक को किशनगढ़, बीपी सारस्वत को नसीराबाद, मुकेश दाधीच को पुष्कर, लक्ष्मीनारायण दवे को मसूदा और भजनलाल शर्मा को दूदू की जिम्मेदारी दी है। इसके अलावा मेघराज लोहिया  व प्रहलाद पंवार को भी संगठन को सक्रिय करने के लिए लगाया गया है।

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