देश-विदेश में ओमीकॉन वेरिएंट तेजी से बढ़ रहा है। अमरीका और यूरोपीय देशों में इस वेरिएंट का संक्रमण खूब फैल रहा है। ओमीकॉन से संक्रमित रोगियों की मौतें भी सामने आ रही है। भारत में भी ओमीकॉन के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। हर राज्य में इस वेरिएंट के रोगी बढऩे लगे हैं। हालांकि डेल्टा और डेल्टा प्लस जितना घातक रुप अभी सामने नहीं आया है, लेकिन देश-दुनिया के विषय-विशेषज्ञों का कहना है कि अभी ओमीकॉन खतरनाक नहीं है। लेकिन इसके खतरनाक होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि यह तेजी से फैल रहा है।

डेल्टा की तुलना में ओमीकॉन की ट्रांसमिसिबिलिटी काफ ी अधिक है। इस हाई क्षमता के कारण संक्रमण मामले तो काफी बढ़ रहे हैं। एक से तीन दिन में रोगियों की संख्या दुगुनी तक हो रही है, लेकिन डेल्टा की तरह जानलेवा व घातक नहीं बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी इस नए स्ट्रेन के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। इस पर रिसर्च चल रही है। रिसर्च के बारे में ही इस नए स्ट्रेन के घातक होने या नहीं होने के बारे में पता लग पाएगा। देश में भी 12 राज्यों में यह वेरिएंट फैल चुका है। दो सौ मामले आ चुके हैं। हालांकि 77 मामलों में रोगी ठीक हो चुके हैं। जिस तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, इससे लोगों में थोड़ी बहुत दहशत है। हालांकि देश में टीकाकरण की अच्छी प्रगति के चलते कोरोना वायरस के केस काफी कम रह गए हैं। अभी भी तेजी से टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। यह जरुर है कि लोग कोविड नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं। काफी लोग बिना मास्क के ही घूम रहे हैं। बाजारों में भीड़भाड़ होने लगी है। इससे ओमीक्रॉन वेरिएंट फैलने का अंदेशा है। ऐसे माहौल में लोगों को अलर्ट होना पड़ेगा कि वे कोविड नियमों की सख्ती से पालना करें। तभी इस नए स्ट्रेन पर अकुंश लग सकेगा।

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