नई दिल्ली :अमेरिका ने आज चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई और उनके पनाहगाहों का खात्मा नहीं करता तो वह उससे निपटने के लिए ‘‘सभी विकल्प’’ खुले रख रहा है।अमेरिका ने आतंकवादी समूहों पर कार्रवाई करने में विफल रहने को लेकर पाकिस्तान को दी जाने वाले दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता बंद कर दी है जिसके बाद उसके यह चेतावनी दी।
ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पाकिस्तान से निपटने और उसे तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई के लिए राजी करने के वास्ते सुरक्षा सहायता रोकने के अलावा अमेरिका कई विकल्पों पर विचार कर रहा है।’’ अधिकारी ने बताया, ‘‘निश्चित तौर पर इस खतरे से निपटने के लिए किसी को भी अमेरिका के संकल्प पर संदेह नहीं करना चाहिए और मैं कहूंगा कि सभी विकल्प खुले हैं।’’ कुछ नीति निर्माताओं ने व्हाइट हाउस से पाकिस्तान का गैर नाटो सहयोगी का दर्जा हटाने और उस पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थानों के जरिए दबाव बनाने के लिए कहा है।बहरहाल, अधिकारी ने इनमें से कोई भी विकल्प अपनाने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय मैं विशिष्ट कदमों के बारे में नहीं बता सकता। लेकिन किसी को भी इसमें शक नहीं होना चाहिए कि हम इन खतरों से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी विकल्पों पर गौर कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हम पाकिस्तान के साथ सहयोग कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क के मौजूदा पनाहगाहों के खिलाफ कार्रवाई की जाए तथा अफगानिस्तान में हमले करने की उसकी क्षमता खत्म की जाए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस क्षेत्र के भविष्य के लिए पाकिस्तान को इन आतंकवादी तत्वों पर कार्रवाई करने की जरुरत है। जबतक वे आतंकवाद की समस्या से नहीं निपटेंगे तो यह अमेरिका के हितों और पाकिस्तान समेत हर किसी के हितों को नुकसान पहुंचाएगा।’’ उन्होंने कहा कि इस समय अमेरिका, पाकिस्तान के साथ सहयोग करने को प्राथमिकता देता है और इसे लेकर आशान्वित है।इस बीच, रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो अमेरिका रोकी गई सुरक्षा सहायता को बहाल करेगा।