भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान वह ‘‘अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति’’ कर रही है, क्योंकि कांग्रेस को अपनी हार का यकीन हो गया है । शाह ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘कांग्रेस ने पहले जाति की राजनीति की । अब पहले चरण के मतदान से 2-3 दिन पहले जब उन्हें अपनी हार नजर आने लगी तो कांग्रेस अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति पर लौट आई।’’ उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्द से हुई। गौरतलब है कि अय्यर की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद उन्हें कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया।
शाह ने दावा किया, ‘‘अब यह तथ्य सामने आया है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी और अय्यर ने विदेश मंत्रालय की जानकारी के बगैर पाकिस्तानी उच्चायुक्त से तीन घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की । मैं ऐसी बैठक की वजह नहीं समझ पा रहा ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बैठक के एक दिन बाद अय्यर ने मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया । इससे कांग्रेस क्या संदेश देना चाह रही है ?’’ कांग्रेस पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए शाह ने दावा किया कि पार्टी के एक प्रवक्ता चरण सिंह ने टीवी पर प्रधानमंत्री से कहा कि वह 2002 के गुजरात दंगों के पश्चाताप के लिए जामा मस्जिद का दौरा करें ।
शाह ने कहा, ‘‘पूरा देश जानता है कि 2002 के दंगों के बाबत मोदी के खिलाफ कांग्रेस समर्थित गैर-सरकारी संगठनों की ओर से लगाए गए आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया । लेकिन यह कांग्रेस नेता, 2017 में वोट बैंक की राजनीति की खातिर, मोदी से कह रहा है कि वह 2002 के दंगों के लिए माफी की खातिर जामा मस्जिद जाएं ।’’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने अपने नेता सलमान निजामी को गुजरात में चुनाव प्रचार करने के लिए भेजा था ।
शाह ने कहा, ‘‘निजामी कश्मीर की आजादी में यकीन रखता है और राज्य के घर-घर में अफजल (गुरू) के पैदा होने का बयान देता है ।’’ दलित नेता जिग्नेश मेवानी के बारे में शाह ने आरोप लगाया कि उसने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े एक संगठन से चंदा स्वीकार किया है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वडगाम सीट पर मेवानी के समर्थन का ऐलान किया है । शाह ने कहा कि भाजपा सिर्फ विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है ।