जयपुर। आनंदपाल एनकाउंटर के बाद 12 जुलाई को नागौर जिले के सांवराद गांव में करणी सेना की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान लोग सूरज ढलने के साथ एकाएक उपद्रवी हो गए। इस दौरान गोलीबारी भी सामने आई। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई तो 37 अन्य घायल हो गए। जिनमें 21 तो पुलिसकर्मी ही शामिल थे।

इस उपद्रव के मामले में मारवाड़ राजपूत सभा जोधपुर अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा ने आरोप लगाते हुए बताया कि सांवराद में आनंदपाल को श्रद्धांजलि देने के बाद लोग शांतिपूर्ण तरीके से रैली में शामिल हो गए थे। सरकार तो आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार कराने के प्रयास में थी। वो षडयंत्रपूर्वक आंदोलन को कूचलना चाह रही थी। यह दुर्भाग्य की बात है कि हिंदू संस्कृति की बात करने वाली सरकार ने हदें पार हिंदू संस्कृति का अपमान किया। परिवार वालों को विश्वास में नहीं लिया। उनके घोर विरोध व बंदूक की नौंक पर जबरन दाह संस्कार किया गया। वे तो सीबीआई जांच चाह रहे थे और यही उनकी मांग थी।

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