Gangster Anandpal Singh's encounter case: CBI
Gangster Anandpal Singh's encounter case: CBI

जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह के एनकाउंटर मामले में सीबीआई ने जांच शुरु कर दी है। सीबीआई आनन्दपाल एनकाउंटर की तो जांच करेगी, साथ ही सांवराद हिंसा में गोली लगने से मरे सुरेन्द्र सिंह के मामले और सांवराद हिंसा की भी जांच करेगी। सीबीआई ने तीन मामले दर्ज किए है। सांवराद हिंसा में कई राजपूत नेताओं की नामजद रिपोर्ट दर्ज है। सांवराद हिंसा की जांच से उन राजपूत नेताओं पर आंच आ सकती है, जो आनन्दपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद इस मामले में सीबीआई जांच को लेकर चल रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। सीबीआई इन पर भी कानूनी शिकंजा कस सकती है। सीबीआई जांच के लिए राजपूत नेता लोकेन्द्र सिंह कालवी, गिर्राज सिंह लोटवाडा, दुर्ग सिंह चौहान, महावीर सिंह आदि राजपूत नेताओं की अगुवाई में पूरे राजस्थान में आंदोलन चल रहा था।

13 जुलाई, 2017 को सांवराद में आनन्दपाल सिंह के समर्थन में श्रद्धांजलि सभा रखी गई, जिसमें दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए। सभा की समाप्ति के बाद हिंसा भड़क उठी। रेल पटरियां उखाड़ दी गई। पुलिस पर हमले हुए। वाहन फूंके दिए गए। इस हिंसा के बाद पुलिस ने लोगों को खदेड़ा और दूसरे दिन आनन्दपाल सिंह के शव का अंतिम संस्कार परिजनों की समझाइश करके करवाया। हिंसा को लेकर राजपूत नेताओं समेत कई जनों पर प्राथमिकी दर्ज हुई। इस हिंसा में वे युवा भी मुश्किल में पड़ सकते हैं, जिनके खिलाफ हिंसा, राजकार्य में बाधा और तोडफोड के मामले दर्ज है। वे सभी सीबीआई जांच के दायरे में आ जाएंगे। हालांकि आंदोलित राजपूत संगठनों और राजपूत नेताओं ने सिर्फ आनन्दपाल एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। लेकिन राज्य की भाजपा सरकार ने आनन्दपाल एनकाउंटर को लेकर दर्ज प्राथमिकी के साथ ही सांवराद हिंसा और गोली लगने से मरे सुरेन्द्र सिंह के मामले की प्राथमिकी भी सीबीआई जांच के लिए भेज दी। एक बार तो सीबीआई ने जांच से इंकार कर दिया था, लेकिन राजपूत संगठनों के विरोध के चलते राज्य सरकार को दुबारा सिफारिश पत्र भेजना पड़ा।

इसके बाद सीबीआई ने जांच पर सहमति दी। गौरतलब है कि 24 जून, 2017 को एनकाउंटर में आनन्दपाल सिंह की मौत हो गई। आनन्दपाल के परिजनों ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताकर शव लेने से इंकार कर दिया और मामले की सीबीआई जांच की मांग की। कई दिनों तक प्रदेश में आंदोलन चला।

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