जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल एनकाउंटर मामले और सांवराद में हुए उपद्रव को लेकर राजस्थान पुलिस के आला अफसर रविवार को मीडिया से मुताखिब हुए। एडीजी लॉ एण्ड ऑर्डर एनआरके रेड्डी और एडीजी क्राइम पंकज कुमार सिंह ने मीडिया के समक्ष आनन्दपाल एनकाउंटर मामले को लेकर उठ रहे विवाद और सवालों पर पुलिस का पक्ष रखा।
एडीजी रेडडी और एडीजी पंकज कुमार ने कहा कि गैंगस्टर आनन्दपाल कुख्यात अपराधी था। जिस पर पांच लाख का ईनाम भी था। कई हत्याओं, अपहरण और दूसरी आपराधिक कृत्यों में वह लिप्त रहा था। उसके गैंग में उसके भाईयों के अलावा दूसरे लोग भी थे, जो हिंसा के रास्ते पर थे और वारदातों को अंजाम देते थे।

उन्होंने कहा कि अपराधियों की कोई जाति नहीं होती है। आनन्दपाल और उसकी गैंग ने हिंसक वारदातों से दहशत फैला रखी थी। पुलिसकर्मियों व दूसरे लोगों की हत्याएं की। डकैती, लूट में गैंग लिप्त रही। फेक एनकाउंटर को पूरी तरह से खारिज करते हुए दोनों अफसरों ने कहा कि एनकाउंटर फर्जी नहीं था। एसओजी व राजस्थान पुलिस के अफसरों व जवानों, कमांडों ने अपनी जान पर खेलकर आनन्दपाल को जिंदा पकडऩे की कोशिश की। कई बार सरेण्डर को कहा, लेकिन वह पुलिस पर फायरिंग करता रहा। जवाबी फायरिंग में ही वह मारा गया। उन्होंने यह भी कहा कि एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट की सभी तरह की गाइड लाइन का पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि सांवराद में उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और हथियार छीनने की कोशिश की गई, जिसके चलते फायरिंग हुई। हिंसा-उपद्रव के दौरान गांववालों और सभा में आए लोगों ने हिंसा पर उतारु भीड़ से पुलिसकर्मियों को बचाया और उनकी मदद की। उन्होंने कहा एकाध दिन में सांवराद से कफ्र्य हटा दिया जाएगा। आनन्दपाल के परिजनों के जबरन दाह संस्कार के आरोपों को नकारते हुए कहा कि परिजनों की सहमति से दाह संस्कार हुआ और वे शामिल भी हुए।

 

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