जयपुर। आनंदपाल एनकाउंटर के बाद उपजे हालातों पर नियंत्रण करना पुलिस प्रशासन के लिए अब चुनौती बनकर ही उभर रहा है। यही वजह रही कि आनंदपाल के एनकाउंटर को लेकर उठ रहे सवालों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों को दूसरी मर्तबा प्रेस कांफ्रेस करनी पड़ी।
प्रेस कांफ्रेस के दौरान एडीजी क्राइम पीके सिंह, एडीजी कानून-व्यवस्था एनके आर रेड्डी व एडीजी एटीएस उमेश मिश्रा ने मीडिया के समक्ष के समक्ष एनकाउंटर को लेकर हुई कार्यवाही के हालातों को बयां किया। फिर भी इस कांफ्रेस के बाद एक सवाल तो लोगों के दिमाग में फिर भी कौंध ही गया। जिससे सोशल मीडिया पर लोगों के बीच प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया। लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए सवाल उठाए कि गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने मीडिया के समक्ष कहा था कि एनकाउंटर के वक्त आनंदपाल के कमरे की लाईट चालू थी। इस कारण से उसे देखा जा सका। जबकि पहले यह कहा जा रहा था कि एनकाउंटर के वक्त उस क्षेत्र की लाइटें काट दी गई।
गृहमंत्री के उलझन भरे जवाबों के बीच जब मामला गर्माने लगा तो पुलिस के आला अधिकारियों को दूसरी बार प्रेस कांफ्रेंस कर सवालों पर रोकथाम लगाने का प्रयास किया है। जिसमें सरकार को एनकाउंटर के मामले में सही ठहराते हुए कहा गया कि उस मकान में इन्र्वटर था। जिससे बिजली जाने के बाद भी लाइटें चालू थी। साथ ही कहा गया कि जिसे संशय हो, वह मौके पर जाए। दोनों ओर से चली गोलियों के निशान देखे, सारी स्थिति साफ हो जाएगी। शनिवार तक श्रवण सिंह का परिवार वहां नहीं था। जिसके कारण वहां जाने पर पाबंदी थी। अब रविवार को श्रवण सिंह का परिवार वहां आ गया है, अब जाया जा सकता है। लोग यह भी कह रहे कि बार-बार बदलते बयानों के पीछे कारण क्या हो सकते हैं और इस एनकाउंटर की वास्तविकता क्या है?