जयपुर। आनंदपाल एनकाउंटर के 9 दिन बाद चूरू, सांवराद व रतनगढ़ में तनाव की स्थिति देखने को मिल रही है। वहीं आनंदपाल के वकील एपी सिंह का बयान आग में घी का काम कर रहा है। एडवोकेट एपी सिंह ने कहा था कि आनंदपाल मौजूदा सरकार के चार मंत्रियों के संपर्क में था। ऐसे में अपराध और राजनीतिक गठजोड़ के इस दांवपेच के बीच एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग अब लगातार बढ़ती ही जा रही है।
यही वजह रही कि आनंदपाल के परिजन उसके शव के अंतिम संस्कार सीबीआई जांच के आदेश होने के बाद ही करने पर अड़े हैं। इस बीच चूरू भाजपा सांसद व जाट नेता राहुल कस्वां ने कहा कि यह तो जांच का विषय है। अगर किसी को यह लगता है कि इस मामले में अन्याय ही हुआ है तो सरकार को जांच करा लेनी चाहिए। किस का दबाव था, आनंदपाल किस-किस के संपर्क में था और कहां-कहां रहता था। इस मामले में जांच कर सरकार को संतुष्ठ करने का काम सरकार का है। आनंदपाल का मामला कोई बड़ा नहीं है। आखिर समाज जो जवाब चाहता है, सरकार का दायित्व है कि वह उसे संतुष्ठ करे। आनंदपाल मामले में नेतृत्व शामिल था या नहीं, इसकी जांच भी सरकार को करवानी चाहिए। इस मामले को भावनात्मक रुप से नहीं लेना चाहिए।
वहीं देवस्थान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवां ने कहा कि यह तो मानकर चलो कि मैं ऐसे काम नहीं करता हूं। किसी मंत्री का नाम आ जाए, लेकिन राजकुमार रिणवां का कतई नहीं आ सकता। ऐसी खबरों पर मैं ध्यान नहीं देता। मैं तो जनता की सेवा करता हूं। वैसे भी आनंदपाल मामले में बोलने का जिम्मा तो सीएम ने गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को दे रखा है।