जयपुर। आनन्दपाल एनकाउंटर मामले में राजपूत समाज ने सोमवार रात तक चली बैठक में बड़ा फैसला किया है। इस एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच समेत अन्य मांगे पूरी नहीं होने तक राजपूत समाज ने राजस्थान की भाजपा सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का संकल्प किया है, साथ ही 22 जुलाई को जयपुर कूच के लिए राजपूत समाज का आह्वान किया है। राजपूत सभा भवन जयपुर में आयोजित बैठक में यह भी फैसला किया है कि अगर प्रशासन और सरकार ने 22 जुलाई को होने वाले कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी तो राजपूत समाज सीधे ही दिल्ली कूच करेगा। इसकी समस्त जिम्मेदारी राजस्थान सरकार और पुलिस प्रशासन की होगी।

बैठक में यह भी तय किया गया है कि मंगलवार को जयपुर पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल से मिलकर जयपुर में होने वाले कार्यक्रम और कार्यक्रम स्थल की अर्जी लगाकर अनुमति मांगी जाएगी। सरकार ने अनुमति नहीं दी तो समाज उग्र आंदोलन को मजबूर होगा। बैठक में राजपूत नेताओं ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार और राजस्थान पुलिस राजपूत नेताओं व समाज के लोगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। बेवजह हजारों लोगों को ना केवल हिरासत में लेकर प्रताडि़त किया, बल्कि अभी तक बहुत से लोग पुलिस प्रताडऩा झेल रहे हैं।

राजपूत समाज की मांगों को नहीं मानकर सरकार के मंत्री और पुलिस अफसर समाज को झूंठला रहे हैं। जब तक आनन्दपाल के परिजनों की मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक समाज चुप नहीं बैठेगा। समाज वो लड़ाई लड़ेगा, जो आज तक राजस्थान में नहीं लड़ी गई है। बैठक में तीन राजपूत समाज के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा, भंवर सिंह भाटी और मनोज न्यांगली के अलावा दोनों दलों के राजपूत नेता थे। इसके अलावा आनन्दपाल आंदोलन के अगुवाई कर रहे राजपूत नेता गिर्राज सिंह लोठवाडा, दुर्ग सिंह चौहान खींवसर, लोकेन्द्र सिंह कालवी, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, मोहन सिंह, रामसिंह चरकड़ा, यशवर्धन सिंह, रणवीर गुढ़ा, महावीर सिंह सरवडी समेत कई राजपूत नेता व पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे।

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