जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच और श्रद्धांजलि सभा के लिए सांवराद में जुटे राजपूत समाज के कुछ लोगों के उग्र होने, पुलिसकर्मियों से मारपीट करने, रेलवे ट्रेक उखाडऩे से शांतपूर्ण माहौल हिंसा में तब्दील हो गया। गुस्साए लोगों ने हाइवे जाम कर दिया। सरकारी और निजी वाहनों में तोडफोड की। पुलिसकर्मियों व पुलिस अफसरों पर जानलेवा हमले किए। जवानों की राइफलें और एके-47 छीन ली। पुलिस जवानों को एक कमरे में बंद करके आग के हवाले करने का प्रयास किया। कानून व्यवस्था बिगडऩे पर पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी। पुलिस बल के सहारे सांवराद व दूसरे स्थानों पर जमे लोगों को अपने घरों की तरफ रवाना किया।
पुलिस उन लोगों को तलाश रही है, जो एके-47 व दूसरी राइफल जवानों से छीन ले गए। फायरिंग की घटना में घायल हुए लालचंद शर्मा की बुधवार देर रात मौत हो गई थी। अन्य घायल अस्पतालों में भर्ती है। जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। कुछ की हालात गंभीर बताई जा रही है। उधर, इस पूरे घटनाक्रम पर गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने मीडिया में बयान दिया है कि सरकार ने राजपूत समाज संघर्ष समिति व आनन्दपाल के परिजनों को इस शर्त पर सभा की अनुमति दी थी कि वह शांतिपूर्ण कार्यक्रम करेंगे, लेकिन सभा में राजपूत नेताओं ने ही भडकाऊ भाषण दिए, जिसके चलते वहां मौजूद भीड़ भड़क उठी और हिंसा पर उतारु हो गई।
कटारिया ने कहा कि भीड़ में शामिल लोगों ने पुलिसकर्मियों व पुलिस अफसरों पर जानलेवा हमले किए। उनके हथियार छीन ले गए। मारपीट की। पुलिस वाहनों में तोडफ़ोड़ की और आग लगा दी। यहीं नहीं भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके चलते कुछ लोग घायल हुए। लोगों ने रेलवे ट्रेक उखाड़ दिए। क्वार्टरों में आग लगा दी। साथ ही पुलिस जवानों को कमरे में बंद करके आग के हवाले करने का प्रयास भी किया। कानून व्यवस्था बिगड़ती देख पुलिस ने सख्ती दिखाई। पुलिस की तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई है। बल्कि भीड़ के जानलेवा हमलों में करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है। शांतिपूर्ण सभा के बहाने राजपूत नेताओं ने सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए। जिसके चलते हालात बेकाबू हुए। उधर, कानून व्यवस्था के लिए सांवराद में कफ्र्यू लगा दिया है। वहीं किसी अनहोनी से निपटने के लिए सांवरादा समेत शेखावाटी व दूसरे जिलों में पुलिस बल मुस्तैदी से तैनात है।