जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह एनकाउंटर मामले में सवालों से घिरी राजस्थान पुलिस ने रविवार को प्रेसवार्ता करके इस मामले में ना केवल अपनी सफाई दी, बल्कि गैंगस्टर आनन्दपाल और उसकी गैंग की कारगुजारियों का भी खुलासा किया। राजस्थान पुलिस के तीन एडीजी एनआरके रेड्डी, पंकज कुमार सिंह और उमेश मिश्रा पुलिस मुख्यालय में प्रेसवार्ता करके कहा कि एनकाउंटर फर्जी होने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि एनकाउंटर पूरी तरह से सही था। आनन्दपाल को कई बार सरेण्डर करने को कहा, लेकिन हर बार वह फायरिंग करता रहा। जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। अफसरों ने यह भी कहा कि अगर एनकाउंटर फर्जी होता है, श्रवण सिंह और उसके परिवार सुरक्षित कैसे बचता। कैसे उसके दोनों भाई सुरक्षित रहते।
पुलिस ने तो जान पर खेलकर श्रवण सिंह के परिवार को फायरिंग के बीच बचाकर एक कमरे में सुरक्षित रखा। तीनों अफसरों ने कहा कि आनन्दपाल कुख्यात गैंगस्टर था। उसका कोई जातिधर्म नहीं था। उसकी गैंग में सभी जातियों के लोग थे। उन्होंने यह भी कहा कि उसके राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों की कुख्यात गैंगों से भी सम्पर्क था। उनसे वह हथियार खरीदता था और अवैध कारोबार में लिप्त रहा। हिंसा और अपराध पर चलते हुए उसने कई हत्याएं की। वो भी निर्ममतापूर्वक। पुलिस अफसरों ने आनन्दपाल और उसकी गैंग के निर्ममतापूर्वक किए गए मर्डर की जानकारी दी। यह भी बताया कि आनन्दपाल के फार्म हाउस में एक टॉर्चर रुम बना रखा था, जहां वह लोगों को प्रताडि़त करता था और हत्याओं को अंजाम देता था। इस फार्म हाउस को नवम्बर, 2016 में पुलिस ने कुर्क कर लिया था। पुलिस अफसरों ने यह भी कहा कि आनन्दपाल सिंह के पास आय का कोई स्त्रोत नहीं था, लेकिन उसके पास करोड़ों रुपए की चल-अचल सम्पत्ति मिली है। बेटियां विदेश में पढ़ती है। उसने यह धन अपराध जगत में चलते हुए हासिल किया है। इस वजह से उसकी सम्पत्तियां कुर्क की गई है।