जयपुर। आनंदपाल एनकाउंटर को आज 18 दिन हो चुके हैं। लेकिन उसके शव का अंतिम संस्कार करना खुद प्रशासन के लिए एक चुनौती ही बना हुआ है। वहीं करणी सेना प्रमुख लोकेन्द्र सिंह कालवी के आह्वान पर 12 जुलाई को सांवराद में होने वाली हुंकार रैली ने प्रशासन की मुसीबतों में इजाफा ही कर दिया है।
ऐसे में एहतियात के तौर पर प्रशासन ने नागौर जिले में इंटरनेट सेवाओं को 12 जुलाई की रात तक बंद ही रखने का फरमान जारी कर दिया है। इंटरनेट सेवाएं बंद होने से अब लोगों के जरुरी कामों पर असर देखने को मिल रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी तो व्यापारियों के सामने आ रही है। जो अब नकद लेनदेन के बजाय ऑनलाइन व पेटीएम के जरिए व्यापार कर रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार नागौर जिले में 15 लाख से अधिक नेट यूजर है। जबकि जिले में 2500 से अधिक मोबाइल टॉवरों के माध्यम से नेट कनेक्टिवविटी उपलब्ध कराई जा रही है। जो अभी पूरी तरह ठप ही है। नेट बंद होने से स्वाइप मशीनों से लेन-देन बंद हो रहा है। वहीं दुकानों पर ऑनलाइन बिल काटने में भी दिक्कतें ही सामने आ रही है। नागौर जिले में 90 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल पर नेट का मासिक प्लान एक्टिवेट है। ऐसे में यहां 15 लाख लोगों को 3 दिन में 45 लाख रुपए से अधिक की चपत लग चुकी है।
-पुलिस पर भी असर
ऐसा नहीं की नेट सेवाएं बंद रहने से उसका असर जिले के आम लोगों पर ही देखने को मिल रहा है। खुद पुलिस महकमा भी इस परेशानी से जूझ रहा है। नेट सेवा बंद रहने से थानों में सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर ने काम करना बंद कर दिया है। जिससे मुकदमे दर्ज होने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले के मकराना व पांचौड़ी में यह हालात देखे जा सकते हैं।