जयपुर। आनन्दपाल सिंह के एनकाउंटर को हुए नौ दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक उसका अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। परिजन शव का दाह संस्कार तब तक नहीं करने पर अड़े हैं, जब तक सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की घोषणा नहीं कर देती है। दाह संस्कार में जेल में बंद आनन्दपाल के भाईयों को लाने, दर्ज मामलों को वापस लेने समेत कुछ अन्य मांगे भी है, जिन पर परिजन अड़े हैं।
उधर, सरकार ने भी परिजनों की तरह अडियल रुख अपनाया हुआ है। सरकार व प्रशासन के रुख से लगता है कि वह कोई जांच नहीं करवाना चाहती। दोनों पक्षों के अड़े रहने से आनन्दपाल के शव का दाह संस्कार नहीं हो पा रहा है। हालांकि दोनों पक्षों के लोग लगातार वार्ता भी कर रहे हैं। सहमति नहीं बन पाने के कारण शव का दाह संस्कार नहीं हो पा रहा है। आनन्दपाल के शव को नौ दिन हो गए हैं। इससे शव का क्षरण होने का अंदेशा है। दो दिन पहले पुलिस दुबारा पोस्टमार्टम करवाकर शव को आनन्दपाल के परिजनों को सुपुर्द कर चुकी है। आनन्दपाल का शव घर के आंगन में बर्फ की सिल्लियों पर है। डीप फ्रिजर नहीं होने से शव के क्षरण होने का अंदेशा है।
अगर जल्द ही फैसला नहीं हुआ तो शरीर गलने की संभावना है। दाह संस्कार नहीं होने से आनन्दपाल की मां, पत्नी, बेटियां व दूसरे परिजनों के घरों में चूल्हा नहीं जला है। सरकार और परिजनों को चाहिए कि हठधर्मिता छोड़कर पहले शव के दाह संस्कार के बारे में सोचा जाए। सरकार-प्रशासन को चाहिए परिजनों की उचित मांगों पर सकारात्मक समाधान निकालें और परिजनों को भी हठधर्मिता छोड़कर पहले शव के दाह संस्कार करें। अन्यथा दोनों पक्षों के अडिग रहने पर माहौल तनावपूर्ण रहेगा।