चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उसके दोस्त आशीष कुमार को बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस ने आईएएएस अधिकारी की बेटी का पीछा करने के मामले में अपहरण की साजिश रचने का भी गैरजमानती आरोप लगाते हुए फिर से गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले भारी ड्रामे के बीच दोनों आरोपी सेक्टर-26 स्थित पुलिस स्टेशन पहुंचे और पुलिस ने उनसे दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। पूछताछ के बाद उनके खिलाफ मामले में अपहरण या बंधक बनाने के मकसद से अपहरण की कोशिश के लिए धारा 365 और धारा 511 (आजीवन कारावास दिए जाने योग्य अपराध करने की कोशिश का मामला) भी लगा दी। चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) तेजिंदर एस. लूथरा ने यहां मीडिया को बताया, पूछताछ के बाद नए तथ्य सामने आए हैं। हमने दो नए आरोप दर्ज करने का फैसला किया है। ये आरोप अपहरण की साजिश रचने से जुड़े हैं। हमने उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया।
लूथरा ने कहा, उन्हें कल (गुरुवार) अदालत में पेश किया जाएगा। हम अदालत से उनकी पुलिस हिरासत की मांग करेंगे। हमें उनसे विभिन्न तथ्यों के संबंध में पूछताछ करनी है। उन्होंने कहा, गिरफ्तारी और नए आरोप कई नए तथ्यों के आधार पर लगाए गए हैं, जिनमें कानूनी सलाह, सीसीटीवी फुटेज के रूप में नए सबूत, प्रत्यक्षदर्शियों के गवाह और मार्ग का नक्शा शामिल है। जांच में ऐसी कई चीजें सामने आई हैं, जिन्हें अभी हम आपके सामने नहीं रख सकते। जांच के इस पड़ाव पर मैं कई बातों का खुलासा नहीं कर सकता। लूथरा ने आगे कहा, हम पर किसी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं है। हम हर काम विषयपरक तरीके से, पेशेवराना अंदाज में, स्वतंत्र रूप से कर रहे हैं। हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. एस. कुंडू की बेटी वर्णिका कुंडू का 4-5 अगस्त की आधी रात में दोनों आरोपियों ने अपनी टाटा सफारी स्टॉर्म एसयूवी में पीछा किया था और उनकी कार रोककर अपहरण करने की कोशिश की थी। तब से चंडीगढ़ पुलिस की राजनीतिक दबाव में भाजपा अध्यक्ष के बेटे को बचाने का आरोप लगाते हुए चारों ओर से जमकर आलोचना हो रही थी। बुधवार को विकास और उसका दोस्त एन्डेवर एसयूवी कार से बारिश के बीच चंडीगढ़ पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने मीडिया और कांग्रेस प्रदर्शनकारियों से आरोपियों को दूर रखने के लिए पुलिस स्टेशन परिसर के अंदर सुरक्षा घेरा बना रखा था। इससे पहले, अपने आधिकारिक आवास पर सुभाष बराला ने बेटे का फोन आने का बहाना बनाते हुए खीझ में संवाददाता सम्मलेन बीच में ही छोड़ दिया क्योंकि उनके लिए मीडिया के सवालों का जवाब देना मुश्किल हो गया था। विकास और आशीष को सुबह 11 बजे पुलिस के सामने पेश होने के लिए समन भेजा गया था, लेकिन आखिरकार दोनों अपराह्न 2.30 बजे पहुंचे। लूथरा ने बुधवार को ही इससे पहले कहा था कि शनिवार को आरोपियों ने चिकित्सकीय जांच के लिए अपने खून और पेशाब के नमूने देने से मना कर दिया था। लूथरा के मुताबिक, ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक खून और पेशाब के नमूने लेना चाहते थे, लेकिन लॉ ग्रेजुएट होने के नाते आरोपी भी अच्छी तरह कानून जानते हैं। इसलिए, उन्होंने नमूने देने से इनकार कर दिया। हालांकि इस तरह से इनकार करना जांच और मुकदमे के दौरान उनके विरुद्ध जा सकता है। घटना के पांच दिनों बाद पहली बार मीडिया के सामने आए डीजीपी ने कहा, मैं आश्वासन देता हूं कि मामले में इंसाफ के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी मामले से जुड़े हाई-प्रोफाइल आरोपियों से पल्ला झाड़ लिया है। हरियाणा भाजपा प्रवक्ता जवाहर यादव ने कहा, विकास बराला जांच में साथ देंगे या नहीं, इसका फैसला उन्हें करना है। भाजपा का इससे कुछ नहीं लेना-देना है।