जोधपुर। यौन शोषण प्रकरण में फंसे आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर राहत मिलने की उम्मीदें सोमवार को धूमिल हो गई। आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जिसमें आसाराम को 12 तरह की बीमारियों से पीडि़त बताकर में आयुर्वेद पद्धति से उपचार कराने की इजाजत मांगी थी। जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी दस्तावेज पेश करने के मामले में कोर्ट ने आसाराम पर एक नई एफआईआर दर्ज करने व एक लाख रुपए के जुर्माने के आदेश दिए। आसाराम के मामले में कोर्ट बेहद सख्त नजर आया। कोर्ट ने कहा कि इस बात को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है कि ट्रायल को बिना किसी कारण लंबा खींचा गया। इस दौरान गवाहों पर हमले करवाए गए। जिनमें से 2 की तो मौत भी हो चुकी है। आसाराम की सेहत इतनी भी ज्यादा खराब नहीं कि उन्हें जमानत दी जाए। यह 11वीं बार है। इससे पूर्व भी हाईकोर्ट व जिला कोर्ट से जमानत संबंधित आसाराम की याचिका खारिज की जा चुकी है। जब आसाराम की जमानत याचिका खारिज की गई है। गत वर्ष भी जुलाई माह में सुप्रीम कोर्ट से उपचार के नाम पर जमानत देने की मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने दिल्ली एम्स से चैकअप कराने के आदेश दिए थे। एम्स मेडिकल बोर्ड से हुई जांच के बाद आसाराम को किसी भी गंभीर बीमारी से पीडि़त नहीं होना सामने आया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बताते दे आसाराम की ओर से अब तक राम जेठमलानी, सुब्रमण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद सहित देश के कई नामी वकील पैरवी कर चुके हैें।