Asaram
Asaram Bapu's decision to sexually abduct a minor girl in Jodhpur Central Jail will come out today. There is complete preparation for the decision.

जयपुर। नाबालिग से यौन उत्पीड़न मामले में एसटी-एससी कोर्ट जोधपुर के जज मधुसूदन शर्मा ने आसाराम बापू व दो अन्य सेवादार को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आसाराम बापू के साथ शिल्पी और शरदचन्द्र को भी दोषी माना है। सजा के बिन्दुओं पर बहस चल रही है कोर्ट में। उधर, इस फैसले की सूचना बाहर आते ही आसाराम बापू के समर्थकों और भक्तों की रुलाई फूट पड़ी। वे जोर-जोर से रोने लगे।

महिलाएँ तो जमीन पर हाथ मार-मार कर दहाड़े मारने लगी। लोग उन्हें चुप कराने में लगे रहे। दूसरे लोग भी आसाराम का नाम लेकर रोने लगे। जयपुर, जोधपुर समेत देश के सभी आश्रमों में यही स्थिति रही। हालांकि कड़े सुरक्षा इंतजामों के चलते आश्रम में भक्तों की उपस्थिति कम ही रही। इससे पहले कोर्ट का फैसला आने से पहले आश्रमों में भक्त आसाराम बापू की रिहाई के लिए राम नाम का जाप करते दिखे और यज्ञ में आहुतियां देते रहे। रामधुनी और हनुमान चालीसा के पाठ होते रहे, लेकिन दोषी करार का फैसला आने के बाद भक्तों में मायूसी छा गई। हालांकि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो गए और लोग आश्रम छोड़कर चले गए।

गौरतलब है कि पीडिता ने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में 19 अगस्त, 2013 को जीरो नम्बर की प्राथमिकी दर्ज करवाई की कि वह आसाराम बापू के गुरुकुल में पढ़ाई करती है और उसके माता-पिता बापू के भक्त है। हॉस्टल की वार्डन शिल्पी ने पीडिता पर भूत-प्रेत का साया बताते हुए उसके माता-पिता को इसका इलाज आसाराम बापू द्वारा करना बताया। आसाराम के सेवादार शरदचन्द्र उर्फ शरतचन्द्र और शिवा उर्फ सवाराम ने भी यहीं बात पीडिता के परिजनों से कही। यह भी कहा कि आसाराम पूरी रात अनुष्ठान करके छात्रा पर से भूत-प्रेत का साया हटाएंगे। शिवा पीडिता को शाहजहांपुर से दिल्ली और वहां से जोधपुर स्थित मणाई आश्रम लेकर गया, जहां भूत-प्रेत उतारने के नाम पर आसाराम बापू ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। बंधक बनाकर इन्हें धमकाया भी। वहां से प्राथमिकी जांच के लिए जोधपुर रैफर कर दी गई। पीडिता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के बाद जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को इन्दौर से आसाराम बापू को अरेस्ट किया। इस मामले में शिल्पी, शिवा, शरदचन्द्र और एक अन्य प्रकाश को भी गिरफ्तार किया। मामले को लेकर पीडित पक्ष ने 58 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। गिरफ्तारी के बाद से ही आसाराम व प्रकाश जेल में है। शिवा, शिल्पी व शरदचन्द्र जमानत पर बाहर थे, लेकिन दोषी करार दिए जाने पर शिल्पी व शरदचन्द्र को जेल में रहना होगा। वहीं प्रकाश व शिवाराम को रिहाई मिली है।

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