जयपुर। पांच साल पुराने नाबालिग से यौन शोषण करने के बहुचर्चित मामले में आरोपी आसाराम बापू व अन्य आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। दोषी करार दिए जाने पर बचाव पक्ष के वकीलों ने सजा में नरमी बरतने की गुहार की। आसाराम की 78 साल की उम्र को देखते हुए सजा में नरमी बरतने का आग्रह किया। जोधपुर सेन्ट्रल जेल में एसटी-एससी मामलात की विशेष अदालत के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने दोषी करार दिया है।
कोर्ट ने आसाराम बापू के खास सेवादार शरदचन्द्र उर्फ शरतचन्द्र, शिवा उर्फ सवाराम और हॉस्टल वार्डन शिल्पी को भी दोषी करार किया है। कोर्ट का फैसला आते ही आसाराम की आंखों से आसूं छलक पड़े और उनके मुंह से हरिओम, हरिओम के बोल निकलने लगे। वे घबराए हुए लगे। फैसला सुनाने के बाद उन्हें वापस बैरक ले जाया गया। इस दौरान सेन्ट्रल जेल के अंदर और बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। फैसले के चलते जेल के अंदर किसी को भी मोबाइल फोन नहीं ले जाने दिया। फैसले के मद्देनजर जोधपुर को छावनी में तब्दील कर रखा है। बाबा राम-रहीम फैसले के बाद पंचकूला में हिंसा जैसे हालात नहीं बने, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड और हाइवे पर सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात रहे, जो बाहर से आने वाले वाहनों की चैकिंग करते रहे। जोधपुर स्थित आसाराम बापू का आश्रम भी पुलिस की निगरानी में रहा। आसाराम के कुछ समर्थकों को हिरासत में लिया है। कानून व्यवस्था के लिए दो हजार से अधिक पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। दोषी करार का फैसला आने पर उनके भक्त भी रोने लगे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे है।
– भूत-प्रेत उतारने के बहाने दुष्कर्म
पीडिता ने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में 19 अगस्त, 2013 को जीरो नम्बर की प्राथमिकी दर्ज करवाई की कि वह आसाराम बापू के गुरुकुल में पढ़ाई करती है और उसके माता-पिता बापू के भक्त है। हॉस्टल की वार्डन शिल्पी ने उसे व उसके परिजन को भूत-प्रेत का साया होने का भय दिखाया और इसका इलाज आसाराम बापू से होना बताया। आसाराम बापू के खास सेवादार शरदचन्द्र उर्फ शरतचन्द्र और शिवा उर्फ सवाराम ने भी यहीं बात पीडिता के परिजनों से कही। यह भी कहा कि आसाराम पूरी रात अनुष्ठान करके छात्रा पर से भूत-प्रेत का साया हटाएंगे। शिवा पीडिता को शाहजहांपुर से दिल्ली और वहां से जोधपुर स्थित मणाई आश्रम लेकर गया, जहां भूत-प्रेत उतारने के नाम पर आसाराम बापू ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। बंधक बनाकर इन्हें धमकाया भी। वहां से प्राथमिकी जांच के लिए जोधपुर रैफर कर दी गई। जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को इन्दौर से आसाराम बापू को अरेस्ट किया। इस मामले में शिल्पी, शिवा, शरदचन्द्र और एक अन्य प्रकाश को भी गिरफ्तार किया। तभी से आसाराम व प्रकाश जेल में है। शिवा, शिल्पी व शरदचन्द्र जमानत हो चुकी थी।