जयपुर। जोधपुर में नाबालिग किशोरी से यौन शोषण मामले में जोधपुर सेन्ट्रल जेल में बंद आसाराम बापू के मामले में जोधपुर कोर्ट 25 अप्रेल को फैसला देगी। कोर्ट फैसला भी जोधपुर जेल में ही सुनाएगी। फैसले के दिन किसी भी तरह से विवाद से बचने और शांति भंग की आशंका के चलते पुलिस ने जेल में ही आसाराम बापू को फैसला सुनाने की गुहार कोर्ट को की थी। अब आसाराम के भक्तों के जोधपुर आगमन को देखते हुए पुलिस ने धारा 144 लगाई है। 30 अप्रेल तक सीआरपीसी की धारा 144 लागू की है।
पुलिस ने यह व्यवस्था राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद भड़की हिंसा को देखते हुए की है। पुलिस को अंदेशा है कि आसाराम बापू के भक्त फैसले के दिन बड़ी संख्या में इकट्ठा होंगे। राम रहीम की तरह यहां भी कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े, इसलिए पहले से ही पुलिस ने कड़े कदम उठाने शुरु कर दिए है। जोधपुर जेल में ही कोर्ट का फैसला सुनाने की अर्जी पुलिस ने लगा दी थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर ली। साथ ही कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े, इसके लिए पुलिस ने एहतियान धारा 144 लगा दी है।
अब जोधपुर सीमा में कोई भी पांच या पांच से अधिक लोग जमा नहीं हो सकेंगे। ना ही जुलूस के रुप में या हथियार लेकर नहीं चल सकेंगे। गौरतलब है कि जोधपुर कोर्ट ने आसाराम बापू रेस केस में सुनवाई पूरी कर ली है और पच्चीस अप्रेल को फैसला सुनाने की तारीख तय की है।
– यह है आरोप आसाराम बापू पर
आसाराम बापू पर आरोप है कि चौदह अगस्त 2013 को आसाराम बापू के मणाई, जोधपुर स्थित आश्रम में पीडिता नाबालिग इलाज के लिए आई थी। आरोप है कि आसाराम बापू ने इलाज के बहाने नाबालिग को कुटिया में बुलाया और उसके साथ यौन शोषण किया। पीडिता व उसके परिजनों को धमकाया भी। करीब छह दिन बाद पीडिता व उनके परिजनों ने हिम्मत करके आसाराम बापू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई। यह प्राथमिकी यूपी के कमला नेहरु मार्केट में दर्ज हुई थी, जो बाद में जोधपुर पुलिस को रैफर कर दी गई। पीडिता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के बाद 31 अगस्त, 2013 को डीसीपी अजयपाल लाम्बा व उसकी टीम ने आसाराम बापू को छींदवाडा एमपी आश्रम से आसाराम बापू को गिरफ्तार किया। तभी से आसाराम बापू जोधपुर सेन्ट्रल जेल में है। अब पच्चीस अप्रेल को उनकी रिहाई या सजा पर फैसला कोर्ट देगी।