जयपुर। नाबालिग से दुष्कर्म केस में एसटी-एससी कोर्ट जोधपुर के जज मधुसूदन शर्मा ने आरोपी आसाराम बापू, शरदचन्द्र और शिल्पी को दोषी करार दिया है। यह फैसला देते ही बचाव पक्ष ने आसाराम की उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए सजा में नरमी बरतने की गुहार की। जेल सूत्रों व मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक वकीलों के बोलने के बाद आसाराम बापू भी जज मधुसूदन शर्मा की ओर हाथ जोड़कर मुताखिब हुए और कहा कि वे बुजुर्ग हो गए हैं। काफी उम्र हो गई है। बीमार भी रहता हूं। ऐसे में मेरी उम्र पर रहम करते हुए कम से कम सजा देने की गुहार लगाई। इस दौरान उनके चेहरे पर भय और लाचारी दिखाई दे रही थी।
बचाव पक्ष के वकीलों ने आसाराम बापू के अलावा दोषी करार दिए गए शरदचन्द्र और शिल्पी की सजा में भी रहम बरतने की गुहार लगाई। गौरतलब है कि पीडिता ने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में 19 अगस्त, 2013 को जीरो नम्बर की प्राथमिकी दर्ज करवाई की कि वह आसाराम बापू के गुरुकुल में पढ़ाई करती है और उसके माता-पिता बापू के भक्त है। हॉस्टल की वार्डन शिल्पी ने पीडिता पर भूत-प्रेत का साया बताते हुए उसके माता-पिता को इसका इलाज आसाराम बापू द्वारा करना बताया। आसाराम के सेवादार शरदचन्द्र उर्फ शरतचन्द्र और शिवा उर्फ सवाराम ने भी यहीं बात पीडिता के परिजनों से कही। यह भी कहा कि आसाराम पूरी रात अनुष्ठान करके छात्रा पर से भूत-प्रेत का साया हटाएंगे। शिवा पीडिता को शाहजहांपुर से दिल्ली और वहां से जोधपुर स्थित मणाई आश्रम लेकर गया, जहां भूत-प्रेत उतारने के नाम पर आसाराम बापू ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। बंधक बनाकर इन्हें धमकाया भी। वहां से प्राथमिकी जांच के लिए जोधपुर रैफर कर दी गई। पीडिता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के बाद जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को इन्दौर से आसाराम बापू को अरेस्ट किया। इस मामले में शिल्पी, शिवा, शरदचन्द्र और एक अन्य प्रकाश को भी गिरफ्तार किया। मामले को लेकर पीडित पक्ष ने 58 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। गिरफ्तारी के बाद से ही आसाराम व प्रकाश जेल में है। शिवा, शिल्पी व शरदचन्द्र जमानत पर बाहर थे, लेकिन दोषी करार दिए जाने पर शिल्पी व शरदचन्द्र को जेल में रहना होगा। वहीं प्रकाश व शिवाराम को रिहाई मिली है।