नयी दिल्ली : वियतनाम के प्रधानमंत्री न्ग्यूयेन जुआन फ्यूक, म्यामां की नेता आंग सान सू ची तथा सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग सहित नौ आसियान नेता भारत आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज यहां पहुंचे। नौ आसियान नेता राजधानी में इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के एक दिन पहले यहां पहुंचे हैं। केवल इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री जोको विडोडो कल यहां पहुंचेंगे। एक अभूतपूर्व कदम के तहत इस आयोजन में भाग लेने वाले 10 आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष/शासनाध्यक्ष गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि भी होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कई ट्वीट के जरिये आसियान नेताओं के पहुंचने की जानकारी दी।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘आसियान- भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में भारत वियतनाम के प्रधानमंत्री न्ग्यूयेन जुआन फ्यूक और उनकी पत्नी सुश्री त्रान न्ग्यूयेन थू का स्वागत करता है। मानव संसाधन विकास राज्यमंत्र सत्यपाल सिंह ने उनकी अगवानी की।’’ आंग सान सू ची का राजधानी पहुंचने पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने स्वागत किया। थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रयुत चान- ओ- चा और उनकी पत्नी नारापोर्न चान-ओ-चा की अगवानी विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने स्वागत किया।
फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुर्तेते की भी अगवानी सत्यपाल सिंह ने की। भारत-आसियान स्मारक शिखर सम्मेलन भारत-आसियान संबंधों के 25 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित किया गया है। यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब क्षेत्र में चीन का आर्थिक और सैन्य दखल बढ़ रहा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सम्मेलन भारत के लिये व्यापार एवं संपर्क के रणनीतिक क्षेत्रों में एक शक्तिशाली सहयोगी के रूप में खुद को पेश करने का एक अवसर हो सकता है।
कार्यक्रम के दौरान 25 जनवरी को नेताओं की खुले रूप से चर्चा होगी। इसका विषय समुद्री सहयोग और सुरक्षा है। इसके बाद उसी दिन पूर्ण सत्र का आयोजन होगा। आसियान देशों में थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, म्यामां, कंबोडिया, लाओस तथा ब्रुनेई शामिल हैं।