जयपुर। राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने आज फिर दोहराया कि उसके यहां चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा पेश करने की परंपरा नहीं है और चुनाव जीतने के बाद भी इसका फैसला पार्टी हाइकमान ही करता है। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव अशोक गहलोत ने यहां संवाददाताओं से यह बात कही। आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद के दावेदार को लेकर कांग्रेस में विवाद की अटकलों को खारिज करते हुए गहलोत ने कहा, पार्टी की परंपरा रही है कि वह मुख्यमंत्री की घोषणा चुनाव जीतने के बाद ही करती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बारे में अटकलों के लिए मीडिया के एक वर्ग को दोषी ठहराया और कहा कि अगर कोई खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश करता है तो वह मुख्यमंत्री बन ही नहीं जाता है। उन्होंने कहा, अगर पार्टी चुनावों में जीतती है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदार का फैसला पार्टी हाइकमान करता है और यह फैसला विधायकों व कार्यकर्ताओं की राय के आधार पर होता है। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के संभावित चेहरे को लेकर विवाद भाजपा के अभियान का हिस्सा है जो मीडिया का एक वर्ग चला रहा है।
गहलोत ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक कार्यक्रम के अवसर पर कहा, कोई विवाद नहीं है। इसके साथ ही गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसका फासीवादी चेहरा पूरे देश में बेनकाब हो चुका है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रस्तावित राजस्थान गौरव यात्रा को गहलोत ने कुराज यात्रा करार दिया। उन्होंने प्रदेश में भीड़ द्वारा मारपीट की घटनाओं के लिये भाजपा को दोषी बताया है।