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– अशोक गहलोत की कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से दो घंटे तक बातचीत की।
जयपुर. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे है। इस सिलसिले में उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बुधवार शाम दो घंटे तक बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, यह पता नहीं चल पाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनिया ने इतना ही कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए इस चुनाव में किसी का फेवर नहीं करेंगींं। उधर, गहलोत गुरुवार को राहुल गांधी से मिलने कोच्चि भी जाएंगे। इससे पहले सुबह दिल्ली पहुंचने पर गहलोत ने कहा था कि अगर पार्टी के लाेग मुझे चाहते हैं, उन्हें लगता है कि अध्यक्ष पद या सीएम पद पर मेरी जरूरत है तो मैं मना नहीं कर सकता। हमारे लिए पद कोई मायने नहीं रखता। एक पद, एक व्यक्ति का नियम केवल नॉमिनेटेड पोस्ट के लिए है। चुनाव लड़कर कोई भी दो पोस्ट पर रह सकता है।
– समय बताएगा, मैं कहां रहूंगा
गहलोत ने कहा समय बताएगा कि मैं कहा रहूंगा, कहां नहीं रहूंगा। एक पद, एक व्यक्ति फॉर्मूले पर उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा तो ये है कि मैं किसी पद पर न रहूं, क्योंकि मैं बहुत पद पर रह चुका हूं। मेरी उपस्थिति से पार्टी को फायदा होना चाहिए, कांग्रेस मजबूत होनी चाहिए, मैं यह चाहता हूं। पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है। उधर, कांग्रेस सांसद शशि थरूर सुबह कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी से मुलाकात की। पार्टी के दोनों नेता अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं।
गहलोत दिल्ली से केरल के कोच्चि जाएंगे। वहां राहुल गांधी से मुलाकात कर पूरे मामले में चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, मैं एक बार और प्रयास कर रहा हूं राहुल गांधी को अध्यक्ष पद के लिए मनाने का। मैं अपने मुख्यमंत्री रहने या न रहने की बात नहीं कर रहा हूं, यह समय बताएगा। मैं वहां रहना पसंद करूंगा, जहां मेरे रहने से पार्टी को फायदा मिल रहा हो। इससे पहले जयपुर में मंगलवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में गहलोत ने अध्यक्ष पद पर नामांकन भरने के साफ संकेत दिए थे। विधायकों को गहलोत ने उनके नामांकन करने पर दिल्ली आने के लिए भी कहा।
विधायक दल की बैठक में राहुल गांधी को आखिरी बार मनाने की बात भी गहलोत ने की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि राहुल नहीं माने, तब वे खुद नामांकन करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नामांकन के लिए राहुल की हां या ना सुनने के बाद वे दिल्ली लौटेंगे। राहुल की फाइनल राय के बाद अब आगे का मूवमेंट तय होगा।
गहलोत की कोच्चि यात्रा भी इसी एक्सरसाइज के तौर पर देखी जा रही है। गहलोत का दिल्ली और कोच्चि दौरे के बाद आगे भी सियासी दौरों का प्रोग्राम है। अगले तीन से चार दिन तक गहलोत दिल्ली में रहकर अध्यक्ष के चुनाव की रणनीति बनाएंगे।
गहलोत का कोच्चि दौरा अध्यक्ष पद के चुनाव के साथ-साथ राजस्थान की सियासत के हिसाब से भी अहम माना जा रहा है। वे अगर अध्यक्ष का चुनाव लड़ते हैं तो सचिन पायलट के अगले रोल को लेकर भी बात होगी। पायलट भी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने कोच्चि गए हुए हैं।
– अध्यक्ष बने तो गहलोत को सीएम पद छोड़ना होगा
दिल्ली पहुंचने पर गहलोत ने भले ही कांग्रेस अध्यक्ष के साथ सीएम बने रहने का संकेत दिया हो, लेकिन कांग्रेस नेता और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यदि वे अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना होगा। एनडीटीवी से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि उदयपुर अधिवेशन में यह प्रस्ताव पास हुआ था कि एक व्यक्ति सिर्फ एक पद पर रहेगा। दिग्विजय खुद भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
– राहुल कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनेंगे
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को कहा राहुल गांधी नामांकन के दौरान भारत जोड़ो यात्रा पर रहेंगे और वे दिल्ली नहीं जाएंगे। रमेश के इस बयान के बाद यह तय हो गया है कि राहुल पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान नहीं संभालेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर दिल्ली में भी हलचल शुरू हो गई है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत आज सोनिया गांधी से मुलाकात करने पहुंचे हैं। वहीं, सांसद शशि थरूर सुबह कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी से मुलाकात की। पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेता अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं। राहुल गांधी 23 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा से ब्रेक लेकर दिल्ली आएंगे। राहुल अपनी मां सोनिया से मिलेंगे। नए अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा कर सकते हैं।
– कांग्रेस अध्यक्ष बने तो भी मुख्यमंत्री गहलोत रहेंगे
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने विधानसभा के बाहर कहा अशोक गहलोत मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों पदों पर रहेंगे। मुख्यमंत्री अभी गहलोत ही हैं, राष्ट्रीय अध्यक्ष अभी वो बने नहीं हैं। अगर बन जाएंगे तो उसके बाद ये सारी स्थितियां आएंगी। सारा फैसला होने दें। अभी तक यही तय है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे तो भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहेंगे। विधायक दल की बैठक में यही बातचीत हुई है। विधायकों की सबकी इच्छा है कि मुख्यमंत्री पद पर अशोक गहलोत ही रहें।
सरकारी उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कई राजनीतिक दलों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री भी रहे हैं। अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री भी हैं। मायावती भी बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं और उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर भी रही हैं।

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