जयपुर : राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने सवाल किया कि प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदलने वाली महत्वाकांक्षी रिफाईनरी परियोजना को मुख्यमंत्री वसुंधरा ने चार साल तक क्यों लटकाए रखा। गहलोत ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस परियोजना में राज्य की हिस्सेदारी (26 प्रतिशत) को लेकर बार-बार हल्ला कर प्रदेशवासियों को भ्रमित करती रही कि जमीन हमारी, तेल हमारा और पानी भी हमारा, फिर भी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी ही क्यों? अब मैं उनसे यही सवाल कर रहा हूं कि नये सहमति ज्ञापन. में भी रिफाइनरी में हिस्सेदारी का प्रतिशत 26 प्रतिशत से ज्यादा क्यों नहीं बढ़ाया?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रिफाईनरी में चार साल की देरी के परिणामस्वरूप राजस्थान के हजारों युवाओं को रोजगार से वंचित होना पड़ा तथा राजस्थान सरकार को राजस्व के रूप में भारी हानि हुई और साथ ही पेट्रो केमिकल कॉम्पलेक्स से जुड़े हजारों सहयोगी लघु उद्योग तथा रोजगार सृजन में भी देरी हुई। इस नुकसान का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता और प्रदेश के नौजवानों के साथ धोखा हमने नहीं बल्कि रिफाइनरी सहित कांग्रेस की तमाम महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लटकाकर भाजपा सरकार ने किया है, जिसके लिए मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।