जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में सीएम चेहरे की लड़ाई तेज हो गई है। सीएम चेहरे के लिए नेता बयानबाजी करने लगे हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालचंद कटारिया और सचिव संजय बाफना के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को सीएम चेहरा घोषित किए जाने का बयान दिया था। इस बयान पर प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने चेतावनी जारी की है और चेताया है कि ऐसी कोई बयानबाजी ना करे, अन्यथा एक्शन लिया जाएगा। इस चेतावनी के बावजूद कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने शनिवार को सीएम चेहरे को लेकर बड़ा बयान दे दिया।
उदयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान की पब्लिक दस साल से सीएम चेहरा देख रही है। अब उसे किसी चेहरे की जरुरत नहीं है। मीडिया क्यों नए चेहरे पर पीछे पड़ी है। गहलोत ने कहा कि दस साल से चेहरा जनता के सामने हैं तो अब कौनसा चेहरा मीडिया सामने लाना चाहती थी। अशोक गहलोत के इस बयान से कांग्रेस में भूचाल आ सकता है और सीएम चेहरे को लेकर बयानबाजी तेज हो सकती है। वहीं वरिष्ठ नेताओं में भी खींचतान व गुटबाजी तेज होने की संभावना है। गहलोत ने कहा कि वैसे तो पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इसमें उदयपुर भी अछूता नहीं है। उदयपुर में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और उदयपुर के नेता व गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया पावरलैस होम मिनिस्टर है। उनकी चलती ही नहीं। वे तो सिर्फ शौचालयों व गलियों के उद्घाटन में व्यस्त रहते हैं। उनके पास कोई पावर नहीं है। गौरतब है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालचन्द कटारिया ने गहलोत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग की थी।